इधर 3 नए मेडिकल कॉलेजों में रिक्त रह गईं कई सीटें, उधर अनुबंध वाली सैंकड़ों ANM की नौकरी दांव पर
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नामांकन की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित कर दी थी। अब इस तिथि के बाद नामांकन संभव नहीं है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेजों पलामू, हजारीबाग तथा दुमका में नामांकन खत्म होने के बाद कई सीटें रिक्त रह गई हैं। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, अब इन रिक्त सीटों पर नामांकन नहीं हो सकेगा। बताया जाता कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नामांकन की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित कर दी थी। अब इस तिथि के बाद नामांकन संभव नहीं है। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर ही अंतिम समय में इन तीनों मेडिकल कॉलेजों में नामांकन संभव हो सका।
स्थायी नियुक्ति से वंचित हो रहे अनुबंध पर कार्यरत सैंकड़ों एएनएम
ऑक्जिलियरी नर्स मिडवाइफ (एएनएम) के पदों पर स्थायी नियुक्ति में ग्रेस अंक मिलने तथा आयु सीमा में छूट के बावजूद अनुबंध पर कार्यरत सैंकड़ों एएनएम स्थायी नियुक्ति से वंचित हो रही हैं। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने एएनएम के पदों पर नियुक्ति के लिए जो शर्तें निर्धारित की हैं, उनमें से कई शर्तें वर्षों से कार्य कर रही एएनएम पूरी नहीं करतीं। ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन ने इस ओर राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए इन शर्तों में छूट की मांग की है।
एएनएम के पदों पर स्थायी नियुक्ति के लिए मैट्रिक में न्यूनतम 45 फीसद अनिवार्य किया गया है। साथ ही नियुक्ति के लिए आयोजित होनेवाली लिखित परीक्षा में न्यूनतम 40 फीसद अंक लाना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा, इन पदों पर नियुक्ति के लिए स्थानीय निवासी होना भी जरूरी है। एसोसिएशन के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि एएनएम दस-बारह वर्षों से राज्य सरकार के अधीन अनुबंध पर कार्य कर रही हैं। उस समय न तो स्थानीय नीति लागू थी और न ही मैट्रिक में 45 फीसद अंक होने की अनिवार्यता, अब ये शर्तें लगाने से कई वर्षों से कार्यरत एएनएम ठगी-सी महसूस कर रही हैं।