UPSC Result 2022: गांव में पढ़ाई व दिल्ली में तैयारी... पहले प्रयास में यूपीएससी पास... जानिए, अंकित बड़ाई के सफलता की कहानी
UPSC Success Story Of Ankit Badai झारखंड के गुमला जिले के अंंकित बड़ाईक ने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर मिसाल पेश की है। गांव के स्कूल से दिल्ली जैसे शहर तक में रहकर पढ़ाई करने वाले अंकित का पूरा परिवार घाघरा प्रखंड में रहता है।
गुमला, जागरण संवाददाता। गुमला जिले के घघरा प्रखंड के रहने वाले अंकित बड़ाईक ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास कर सफलता अपने नाम कर ली है। उन्होंने इस परीक्षा में 667वां स्थान प्राप्त किया है। अंकित बड़ाईक की मानें तो उन्होंने पढ़ाई से कभी समझौता नहीं किया। निरंत पढ़ाई जारी रखी। कठिन मेहनत ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया। इस कामयाबी के पीछे घर परिवार का भी अहम रोल रहा। घर परिवार ने भरपूर साथ दिया। हर कदम पर घर के लोग साथ खड़े रहे।
गांव से शुरू की पढ़ाई, दिल्ली में तैयारी
अंकित बड़ाईक ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि उन्होंने सर्वेश्वरी बाल मंदिर, घाघरा से ही प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय घाघरा से उनका चयन नेतरहाट आवासीय विद्यालय के लिए हो गया। इसके बाद प्लस टू की पढ़ाई जेवीएम श्यामली में पूरी की। इसके बाद बीएचयू से आइआइटी की। दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने लगा। पहले प्रयास में सफलता हासिल कर ली।
लक्ष्य पर हमेशा ध्यान केंद्रित रखना जरूरी
अंकित बड़ाईक के पिता स्व. संजीवन बड़ाईक एमबीबीएस डाक्टर थे। वहीं, अंकित की बहन नूपुर बड़ाईक छठी जेपीएससी में सफलता हासिल कर अभी बीडीओ के पद पर तैनात हैं। अंकित ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता संजीवन बड़ाईक और माता भारती बड़ाईक के साथ-साथ अपने शिक्षक व सहपाठियों को दिया है। अंकित कहते हैं कि लक्ष्य पाने के लिए हमेशा ध्यान लक्ष्य पर ही केंद्रित रखना चाहिए। पढ़ाई से किसी समझौता नहीं करना चाहिए। निरंतर पढ़ाई जारी रखने से आप लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।
घर का पूरा परिवार ऊंचे ओहदे पर तैनात
अंकित की मां भारती बड़ाईक ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि आज मुझे बहुत ही खुशी हो रही है। बेटा कामयाबी की एक सीढ़ी चढ़ गया है। अब सपना है कि बेटा अच्छा अफसर बनकर देश की सेवा करे। समाज के विकास में योगदान दे। अंकित की सबसे बड़ी बहन सुभ्रा गृहणी हैं। बहन स्नेहा बड़ाईक बैंक आफ इंडिया में प्रबंधक और दूसरी बहन नूपुर झारखंड प्रशासनिक सेवा में हैं। वहीं श्रद्धा बड़ाईक छत्तीसढ़ के कोरबा में पेशे से डाक्टर हैं। जबकि, तूलिका बड़ाईक एग्रीकल्चर कालेज समस्तीपुर में प्रोफेसर हैं। छोटे भाई आदित्य बड़ाईक रांची रिम्स में एमबीबीएस डाक्टर हैं।
गांव के लोगों ने अंकित को दी शुभकामनाएं
अंकित बड़ाईक को इस सफलता के लिए घाघरा गांव के लोगों को बधाई दी है। बधाई देने वालों में शिव कुमार भगत टुनटुन, अमित नाग, बाबी भगत, आलोक उरांव, ऋषि महापात्रा, सोनू साहू, पुरुषोत्तम साहू, नीरज जयसवाल, सोनू जयसवाल, कुमार अनिल, मुरली मनोहर सिंह, शिवकुमार शौर्य, रंजीत सिंह आदि शामिल हैं।