Move to Jagran APP

पुलिस की साजिश के शिकार दो निर्दोष निकले केंद्रीय कारा से

शराब तस्करी की झूठी कहानी रचकरडीएसपी ने फंसा दिया था निर्दोषों को

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 10:42 AM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 10:42 AM (IST)
पुलिस की साजिश के शिकार दो निर्दोष निकले केंद्रीय कारा से
पुलिस की साजिश के शिकार दो निर्दोष निकले केंद्रीय कारा से

जागरण संवाददाता, रांची : प्रशंसा बटोरने के चक्कर में हुई फर्जी प्रेसवार्ता मामले में हटिया डीएसपी विनोद रवानी के साजिश के शिकार मानवीय कुमार और नंद किशोर साहू जेल से बाहर निकले है। बुधवार को दोनों बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से बाहर आएं है। पिछले चार हफ्ते से दोनों जेल में बंद थे। एक दिन पूर्व सोमवार को दोनों निर्दोष को न्यायालय ने जमानत दी थी। जेल से निकलने के बाद दोनों निर्दोष लोगों ने कहा कि पुलिस ने फर्जी केस बनाकर फंसाया और साजिश के तहत जेल भेजा गया था। इसका भुगतान राची पुलिस को करना होगा। वहीं मानवीय के पिता ने कहा कि जिस तरह से उनके बेटे को फंसाकर जेल भेजा गया है। इस मामले में जुटे सभी पुलिसकर्मियों पर मानहानि का केस दर्ज करेंगे। ताकि एसे पुलिसकर्मी किसी दूसरे निर्दोष को फंसा नहीं सकें। --------------------

loksabha election banner

पुलिस ने जबरन कबूल करवाया था गुनाह

मानवीय कुमार और नंद किशोर साहू ने शराब तस्करी के पूरे मामले की जानकारी दी। पीड़ित के अनुसार 31 अगस्त की रात वह अपने दोस्त के साथ उसकी दुकान पर बैठे हुए थे। तुपुदाना थाना प्रभारी के साथ धुर्वा थानेदार मौके पर पहुंचे। इसके बाद नाम पूछने के बाद वहां से पकड़ कर तुपुदाना ओपी ले गए। वहां पर बिना कोई कारण के मारपीट किए। कुछ देर बाद नंदकिशोर को भी थाना लाया गया और दोनों को काफी टॉर्चर किया गया। तुपुदाना के बाद उन दोनों को धुर्वा थाना ले जाया गया । जहा रात भर उनके साथ मारपीट की गई और सुबह एक सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिया गया। उस समय तक उन्हें कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर यह सब क्या हो रहा है। दूसरे दिन जब प्रेसवार्ता में उन्हें शराब तस्कर बताया गया तब उन्हें सारा माजरा समझ में आया।

-----------

तीन थानेदार पर हुई कार्रवाई, डीएसपी जमे रहे पद पर

हटिया डीएसपी विनोद रवानी की साजिश की वजह से दो निर्दोष लोगों को रांची पुलिस ने जेल भेजा था। इस मामले में दूसरे दिन सीसीटीवी फुटेज सामने आया था। जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ था। पुलिस खुद को फंसते देख उच्च स्तरीय कमिटि गठित कर जांच करायी। जिसके बाद तीन थानेदार डोरंडा इंस्पेक्टर आबिद खान, धुर्वा इंस्पेक्टर तालकेश्वर राम और तुपुदाना ओपी प्रभारी प्रकाश कुमार को लाइन हाजिर कर दिया था। मगर, अब तक हटिया डीएसपी विनोद रवानी अपने पद पर जमे हुए है। पूरे मामले की जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपा गया था। मगर, अब तक हटिया डीएसपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। डीएसपी को सिर्फ शो कॉज देकर छोड़ दिया गया है। पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। बिना बैट्री वाली कार को बता दिया था चलती कार

यह पूरा माजरा मोहल्ले में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। वाहन के मालिकों के मुताबिक दोनों गाड़िया घर के बाहर लंबे समय से मरम्मत के लिए खड़ी थी। सफारी में बैटरी भी नहीं थी, फिर भी चलती कार दिखाकर उसमें शराब लादकर बिहार भेजने की कहानी रची गई थी। इस पूरी कहानी को सच बनाकर एक प्रेस वार्ता भी कराई थी। इसमें सिटी एसपी को मोहरा बना दिया गया था। जबकि उन्हें उनकी जालसाजी की जानकारी तक नहीं थी। क्या है मामला

हटिया डीएसपी विनोद रवानी ने प्रशसा बटोरने के चक्कर में थानेदारों के साथ-साथ सिटी एसपी को भी एक झूठी कहानी का साझेदार बना दिया था। शराब तस्करी में दो व्यक्ति को रंगेहाथ पकड़ने, गाड़ियां जब्त करने आदि तमाम बातें झूठी निकलीं थी। मामले का खुलासा इतनी आसानी से होता भी नहीं अगर पकड़ी गई गाड़ियों के मालिक सामने नहीं आते। इतना ही नहीं इन लोगों के पास सीसीटीवी फुटेज भी है जिससे यह पता चल रहा है कि गाड़ियां क्रेन से उठवाई गई थीं। अब जवाब देने में अधिकारियों का हलक सूख रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.