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Jharkhand Politics: कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित होगा बीस सूत्री कमेटियों का गठन, जानें वजह

Jharkhand Politics Jharkhand Congress Hindi News आंतरिक अनुशासन के नाम पर कांग्रेस पार्टी की स्थिति से सभी परिचित हैं। अनदेखी से विरोध पैदा होने की संभावना है। नए-पुराने अध्यक्षों मंत्रियों और विधायकों की पसंद का ख्याल रखना होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 08:36 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 08:41 PM (IST)
Jharkhand Politics: कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित होगा बीस सूत्री कमेटियों का गठन, जानें वजह
Jharkhand Politics, Jharkhand Congress, Hindi News आंतरिक अनुशासन के नाम पर कांग्रेस पार्टी की स्थिति से सभी परिचित हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बीस सूत्री कमेटियों के गठन से संबंधित फार्मूले को स्वीकार तो कर लिया है, लेकिन कमेटियों का गठन पार्टी के लिए सिरदर्द साबित होने वाला है। आंतरिक अनुशासन के नाम पर पार्टी की स्थिति से सभी परिचित हैं और यह भी कहीं न कहीं तय माना जा रहा है कि जिन लोगों की अनदेखी कमेटियों के गठन में हुई है, वे विरोध का रास्ता पकड़ सकते हैं।

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यही कारण है कि पार्टी कमेटियों के गठन में हो रही देरी से अब विचलित नहीं है। ज्ञात हो कि कमेटियों के गठन को लेकर सबसे अधिक मांग कांग्रेस पार्टी से ही उठ रही थी। झारखंड में बीच सूत्री कमेटियों के गठन को लेकर सत्ताधारी गठबंधन के बीच फार्मूले पर सहमति बनने की बात कही जा रही है। स्वयं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने इस बात की घोषणा की थी। इसके बावजूद अभी तक कमेटियों का गठन नहीं होने से पार्टी में चर्चा शुरू है।

माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष हाल में दिल्ली से कमेटियों के नाम पर केंद्रीय नेतृत्व से अनुमति लेकर आए हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष स्वयं इसका खुलासा समय आने पर ही करेंगे। फिलहाल मामले में चुप्पी बरती जा रही है। सूत्रों के अनुसार पार्टी के तमाम सीनियर नेताओं को इन कमेटियों के माध्यम से संतुष्ट करने का प्रयास किया जाएगा। मंत्री पद संभाल रहे चार विधायकों के अलावा अन्य विधायकों को उनके क्षेत्रों में प्रखंड बीस सूत्री और जिला बीस सूत्री कमेटियों के चयन में तरजीह दी जा सकती है।


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