रेलवे ट्रैक पर सो गए 20 परिवार; ड्राइवर ने समय रहते ब्रेक लगाई तो बची लोगों की जान
अतिक्रमण हटाने के खिलाफ पूरे परिवार के साथ लोग यहां पहुंचे और ओवरब्रिज के निकट पटरी पर सो गए।
रांची, जासं। रेलवे की पटरियों के किनारे अतिक्रमण कर लंबे समय से रह रहे 20 घर के लोगों की जान बाल-बाल बच गई। गुरुवार को डीआरएम वीके गुप्ता का सैलून रांची से लोहरदगा के लिए रवाना हो रहा था। उसी समय विरोध जताने लोग पूरे परिवार के साथ पटरियों पर सो गए। कुछ बैठे रहे।
रांची रेलवे स्टेशन से 500 मीटर की दूरी पर पटरियों पर कुछ लोगों को देखकर ड्राइवर ने ब्रेक लगाई और ट्रेन को रोका। ड्राइवर की जरा-सी भी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता था। समय रहते ट्रेन का ब्रेक लगाने से लोगों की जान बचा ली गई। ट्रेन रुकने के बाद रेलवे से कुछ पदाधिकारी व आरपीएफ जवान उतरे और उनसे बातचीत की। इसके बाद उन्हें समझा बुझाकर रेलवे की पटरियों पर से हटाया गया। 15 मिनट बाद सैलून लोहरदगा के लिए रवाना हो गई।
न करें अतिक्रमण : 'रेलवे पटरियों से 15 मीटर की दूरी तक कोई अतिक्रमण नहीं होना चाहिए, इसे लेकर उन्हें एक वर्ष से नोटिस भी दिया जा रहा था। अतिक्रमण हटाओ अभियान के शुरू होने के विरोध में कुछ लोगों ने पटरियों पर आकर अपना विरोध जताया। नीरज कुमार, सीपीआरओ, रांची रेल मंडल।