बालू ढोने की इजाजत नहीं मिली तो सीएम को गाड़ियों की चाबी सौंपेंगे ट्रक मालिक
रांची बालू ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने एलान किया है कि अगर सरकार ने उन्हें बालू ढोने की अनुमति नहीं दी तो वे अपनी गाड़ियां खड़ी कर देंगे।
जागरण संवाददाता, रांची : बालू ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने एलान किया है कि अगर सरकार ने उन्हें बालू ढोने की इजाजत नहीं दी तो सभी गाड़ी मालिक सीएम हेमंत सोरेन को अपनी गाड़ियों की चाबी सौंप देंगे। शुक्रवार को एसोसिएशन ने बैठक कर ये फैसला लिया है। ट्रक मालिकों ने इसके लिए सरकार को दो दिनों का समय दिया है। रविवार तक सरकार ने अपने फैसले में तब्दीली करते हुए ट्रकों व हाइवा को बालू ढोने की इजाजत नहीं दी तो सोमवार को फिर बैठक कर निर्णय लिया जाएगा कि किस दिन सीएम को गाड़ियों की चाबी सौंपें।
बालू ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने सुरेंद्रनाथ सेंटनरी स्कूल के पास स्थित अपने दफ्तर में प्रदेश भर के गाड़ी मालिकों की बैठक की। बैठक में सरकार के फैसले का विरोध किया गया। इसके बाद प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर बालू ट्रक एसोसिएशन के महासचिव मोइज अख्तर ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदी से बालू निकासी पर रोक लगाई है। जबकि, ट्रकों से जो बालू ढोया जाता है वो नदियों से नहीं बल्कि भंडारण स्थल से ट्रकों पर लादा जाता है। इसलिए सरकार का फैसला गलत है। बालू ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उनकी गाड़ियां खड़ी रहीं। इसलिए, अगर अब उनके बालू ढोने पर रोक लगती है तो इस पर निर्भर परिवार भूखों मरने लगेंगे। प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश के सभी जिलों से आए ट्रक मालिक मौजूद थे।
एसोसिएशन का कहना था कि लॉकडाउन में उनकी गाड़ियां तीन महीने से खड़ी थीं। इससे गाड़ी मालिक आर्थिक तंगी का शिकार हो गए हैं। गाड़ी चली नहीं लेकिन टैक्स दिया गया है। कारोबार से प्रदेश भर के तकरीबन आठ लाख लोग जुड़े हैं। इनकी रोजी-रोटी इससे जुड़ी है।
10 अक्टूबर तक बालू निकासी पर लगी है रोक
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 10 अक्टूबर तक नदियों से बालू निकासी पर रोक लगा दी है। इसी आदेश के आलोक में सरकार ने प्रदेश में ट्रक, डंफर व हाइवा से बालू ढोने पर रोक लगा दी है। ट्रक मालिक सरकार के इसी फैसले का विरोध कर रहे हैं।
तो शहर में हो जाएगी बालू की किल्लत
सरकार ने ट्रकों से बालू ढोने पर रोक लगा दी है। बालू ट्रैक्टर के जरिए ढोया जा सकेगा। बताते हैं कि ट्रैक्टर से ग्रामीण इलाके से रांची तक बालू लाना मुश्किल होगा। यही नहीं, ट्रैक्टर से बालू महंगा भी पड़ेगा। इस वजह से शहर में बालू की किल्ल्त हो जाएगी।