रांची में बिना बिजली गर्मी में तड़प रहे लोग, शोपीस बने हैं ट्राली ट्रांसफार्मर
राजधानी में ट्रांसफार्मर जलने के बाद नौ से 10 घंटे तक इलाके के लोग बिना बिजली के इस गर्मी में तड़पते रहते हैं। मगर विभाग अपने पास सहूलियत रखते हुए भी लोगों को ट्राली ट्रांसफार्मर की सुविधा से महरूम रख रहा है।
रांची, जासं । राजधानी में ट्रांसफार्मर जलने के बाद नौ से 10 घंटे तक इलाके के लोग बिना बिजली के इस गर्मी में तड़पते रहते हैं। मगर, विभाग अपने पास सहूलियत रखते हुए भी लोगों को ट्राली ट्रांसफार्मर की सुविधा से महरूम रख रहा है। जले हुए स्थान पर ट्राली ट्रासंफार्मर नहीं लगाया जाता। इस तरह, संबंधित क्षेत्र में लोग सुबह से लेकर शाम तक बिना बिजली के ही परेशानी झेलते हैं। ट्राली ट्रांसफार्मर का प्रयोग तब किया जाता है जब विभाग के पास ट्रांसफार्मर की कमी हो जाती है। मगर, लोगों का मानना है कि अगर विभाग के पास ट्राली ट्रांसफार्मर हैं तो विभाग को चाहिए कि इसकी सुविधा आम जनता को देने में क्या हर्ज है। ट्राली ट्रांसफार्मर के रहते हुए लोग अंधेरे में गर्मी में रहते हैं।
रांची सर्किल में 12 ट्राली ट्रांसफार्मर हैं। ये ट्राली ट्रांसफार्मर इमरजेंसी के लिए हैं। अगर, कहीं ट्रांसफार्मर जल जाए तो इन ट्राली ट्रांसफार्मरों को लगा कर काम चलाया जाता है। ट्राली ट्रांसफार्मर इसीलिए बनाए गए हैं कि अगर, कहीं ट्रांसफार्मर की समस्या आती है तो वहां ट्राली ट्रांसफार्मर लगा कर बिजली चालू कर दी जाए। मगर, राजधानी में इन ट्राली ट्रांसफार्मरों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। विभाग का कहना है कि ट्राली ट्रांसफार्मर का उपयोग वो तब करेगा जब लंबे समय बाद ट्रांसफार्मर बने।
पुनदाग के वसीम कहते हैं कि विभाग एक तरफ दावा करता है कि वो शहर में आठ से नौ घंटे में ट्रांसफार्मर बदल देता है तो ऐसे में ट्राली ट्रांसफार्मरों का इस्तेमाल कोकर के रामसिंह कहते हैं कि विभाग को चाहिए कि जहां भी ट्रांसफार्मर जले वहां ट्राली ट्रांसफार्मर लगा कर फिलहाल बिजली आपूर्ति चालू कर देने में क्या हर्ज है। हरमू के श्रीराम गुप्ता कहते हैं कि बिजली विभाग को जनहित का काम करना चाहिए। अगर उसके पास ट्राली ट्रांसफार्मर है तो इसका प्रयोग तब भी किया जाना चाहिए, जब कहीं ट्रांसफार्मर जल जाए। यहां नया ट्रांसफार्मर लगाने के दौरान ट्राली ट्रांसफार्मर लगाया जाना चाहिए।
नहीं हो पा रही ट्रांसफार्मर की मरम्मत
डीएवी स्कूल बरियातू के पास 200 केवी का एक ट्रांसफारमर है। जो करीब 15 दिनों से परेशानी का सबब बना हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार लोकल मिस्त्री से इसे ठीक कराया जाता है मगर फिर उड़ जा रहा है। इससे कॉलानी के लोग काफी परेशान हैं। भीषण गर्मी में बिजली की किल्लत से परेशान हैं। इसे कृप्या ध्यान देकर उचित कदम उठाया जाए।
फिलहाल, ट्राली ट्रांसफार्मर का प्रयोग तब हम करते हैं जब ट्रांसफार्मर की कमी हो। अगर कहीं 10-12 घंटे में ट्रांसफार्मर ठीक हो जाता है तो हम ट्राली ट्रांसफार्मर का प्रयोग नहीं करते। - प्रभात कुमार श्रीवास्तव, महाप्रबंधक झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड