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दूसरी जाति में शादी के बाद भी आदिवासी महिला को एसटी होने का मिलेगा लाभ

Schedule Tribes. शिवशंकर उरांव के सवाल पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जन्म के आधार पर ही आरक्षण का प्रावधान मान्‍य होगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 10:58 AM (IST)
दूसरी जाति में शादी के बाद भी आदिवासी महिला को एसटी होने का मिलेगा लाभ
दूसरी जाति में शादी के बाद भी आदिवासी महिला को एसटी होने का मिलेगा लाभ

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि जन्म के आधार पर हीं संविधान में आरक्षण का प्रावधान है। वे सोमवार को सदन में विधायक शिवशंकर उरांव के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। विधायक ने बताया कि आदिवासी महिलाओं को जाति प्रमाणपत्र बनाने में परेशानी आ रही है। पदाधिकारी उन्हें मायके से जाति प्रमाणपत्र बनाकर लाने के लिए कह रहे हैं जबकि महिलाएं जिस घर में विवाह करने के बाद जाती हैं तो वह उसी परिवार की मानी जाती है।

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इसका फायदा उठाकर पूरे राज्य में आदिवासियों की जमीन और संपत्ति पर कब्जे का सिलसिला जारी है। गैर आदिवासी इसका लाभ उठा रहे हैं। सरकार इस नीति को रद करे। जिस घर में शादी हुई है उसके आधार पर जाति का निर्धारण हो। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के गाइडलाइन के मुताबिक विवाह के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है। आरक्षण का आधार जन्म है।

विधायक जगरनाथ महतो ने बेरमो को जिला बनाने की मांग उठाई। मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने हीं घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इसके लिए उपायुक्त की अनुशंसा के आधार पर कमेटी अनुशंसित करती है। विधायक विरंची नारायण ने पुल-पुलियों के निर्माण के दौरान डेटम वाल बनाने का सुझाव दिया। कहा, इससे पानी संरक्षित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उनके सुझावों का स्वागत किया। कुशवाहा शिवपूजन मेहता की मांग थी कि हुसैनाबाद में एससी-एसटी द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान निर्दोष लोगों पर मुकदमा लादा गया। सरकार मुकदमे को वापस ले। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। भीड़ ने मजिस्ट्रेट पर हमला किया था। विधायक ने कहा कि किसी प्रकार की संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ। प्रशासन ने बेवजह मुकदमा लादा है।

मदरसा शिक्षकों के वेतन का मामला उठाया इरफान ने : जामताड़ा के विधायक डा. इरफान अंसारी ने मदरसा शिक्षकों के वेतन का मामला उठाया। कहा, दो साल से इन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। सरकार अल्पसंख्यकों के प्रति उदासीन है। क्या सबका साथ, सबका विकास के दायरे में अल्पसंख्यक नहीं आते हैं? मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार किसी को वोट बैंक नहीं समझती। सरकार सबका साथ, सबका विकास चाहती है। 186 मदरसों की जांच में तीन अस्तित्व विहीन पाए गए। 57 मदरसों को मान्यता दी गई है।

संताल में दस मदरसों के सत्यापन का काम चल रहा है। इसके अलावा शेष मदरसे अनुदान पाने की योग्यता नहीं रखते। विधायक ने कार्यस्थगन लाकर राज्य में होल्डिंग टैक्स और बिजली दर में दोगुनी वृद्धि को लेकर चर्चा करने की मांग रखी। बताया कि जिस प्रकार पूरे राज्य में होल्डिंग टैक्स और बिजली की दर में बढ़ोतरी हुई है इससे जनता की कमर टूट चुकी है। जामताड़ा और मिहिजाम में होल्डिंग टैक्स पूरे राज्य की तुलना में सबसे अधिक लिया जा रहा है। सरकार जितना टैक्स लोगों से वसूल रही है उतनी सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।


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