जोनल डेवलपमेंट प्लान के विरोध में रांची नगर निगम के सामने प्रदर्शन करेगा आदिवासी अधिकार मंच
रांची नगर निगम ने जो जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाया है उसका ग्रामीण इलाकों में विरोध हो रहा है। आदिवासी अधिकार मंच के महासचिव प्रफुल्ल लिंडा ने बताया कि रांची मास्टर प्लान और रूरल डेवलपमेंट प्लान को लागू कर 52 गांवों की 59820 एकड़ जमीन छीनने की साजिश हो रही है।
रांची(जागरण संवाददाता) । रांची नगर निगम ने जो जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाया है, उसका ग्रामीण इलाकों में विरोध हो रहा है। आदिवासी अधिकार मंच ने इसके विरोध में मंगलवार को नगर निगम के सामने प्रदर्शन करने का एलान किया है। आदिवासी अधिकार मंच के महासचिव प्रफुल्ल लिंडा ने बताया कि रांची मास्टर प्लान और रांची रूरल डेवलपमेंट प्लान को लागू कर नामकुम प्रखंड के पांच इलाकों के 52 गांवों की 59820 एकड़ जमीन को अधिकृत कर एक लाख 59000 रैयतों की रैयती जमीन छीनने की साजिश हो रही है। इसी के खिलाफ आदिवासी अधिकार मंच और झारखंड राज्य किसान सभा गांव-गांव बैठक कर लोगों को जागरूक कर रही है।
उन्होंने बताया कि आदिवासी अधिकार मंच और झारखंड राज्य किसान सभा के कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान में जमा होंगे। इसके बाद जुलूस निकालकर रांची नगर निगम के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा। आदिवासी अधिकार मंच के संयोजक तेवफिल तिर्की के अनुसार रांची का इलाका पांचवी अनुसूची में आता है। यहां रांची नगर निगम का ही गठन नहीं होना चाहिए। लेकिन अब रांची नगर निगम रांची मास्टर प्लान 2037 बनाकर ग्रामीणों की जमीन हड़पने की योजना बना रहा है। इसका विरोध किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नामकुम ही नहीं रातू प्रखंड, नगड़ी प्रखंड, रांची खूंटी रोड, रिंग रोड का इलाका, राजा उलातू, रिंग रोड इलाका और टाटीसिलवे इलाके में दर्जनों गांव को नगर निगम में मिलाने की योजना है। उधर, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा नहीं है। जिन इलाकों को रूरल डेवलपमेंट प्लान में शामिल किया गया है, उन्हीं इलाकों में विकास कार्य किया जाएगा। स्कूल और कालेज खोले जाएंगे। अस्पताल खोले जाएंगे। उन इलाकों के विकास के लिए ही जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाया गया है।