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आज भगवान जगन्नाथ को लगेगा गुंडिचा भोग, कल घुरती रथयात्रा

भगवान जगन्नाथ का नौ दिन का प्रवास एक जुलाई हरिशयनी एकादशी तिथि को वापस लौटंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 02:21 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 02:21 AM (IST)
आज भगवान जगन्नाथ को लगेगा गुंडिचा भोग, कल घुरती रथयात्रा
आज भगवान जगन्नाथ को लगेगा गुंडिचा भोग, कल घुरती रथयात्रा

जागरण संवाददाता, रांची: भगवान जगन्नाथ का नौ दिन का प्रवास एक जुलाई हरिशयनी एकादशी तिथि को समाप्त हो जाएगा। संध्या में भगवान जगन्नाथ भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ वापस अपने धाम लौट जाएंगे। इसे घुरती रथयात्रा भी कहा जाता है। इससे पूर्व मंगलवार को संध्या पूजन में गुंडिचा(गंज) का भोग लगाया जाएगा। भगवान को खीर, खिचड़ी और सब्जी एक साथ परोसा जाएगा। पकवान मंदिर के सेवादार तैयार करेंगे। साल में यही एक दिन ऐसा होता है जब भगवान को खीर और खिचड़ी एक साथ भोग लगाया जाता है। भोग लगाने के बाद भव्य महाआरती उतारी जाएगी। फिर भगवान का शयन कराया जाएगा।

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संध्या पांच बजे आरंभ होगा घुरती रथयात्रा का अनुष्ठान

मंदिर के मुख्य पुजारी ब्रजभूषण मिश्र के देखरेख में बुधवार शाम पांच बजे घुरती रथयात्रा का अनुष्ठान आरंभ होगा। सबसे पहले रथ की पूजा होगी। सहस्त्रनामअर्चना का जाप किया जाएगा। इसके बाद विग्रहों को गर्भगृह ले जाया जाएगा। भगवान के धाम लौटने का खुशियां मनायी जाएगी। शाम 7.30 बजे मंगल गान से भगवान का स्वागत किया जाएगा। 108 दीये की आरती उतारी जाएगी। मालपुआ, गुड़ से बने बुंदिया का भोग लगाकर प्रसाद बांटे जाएंगे।

50 से ज्यादा लोगों के प्रवेश की नहीं होगी अनुमति

मंदिर के मुख्य पुजारी ब्रजभूषण मिश्रा के अनुसार रथयात्रा की तरह घुरती रथयात्रा का अनुष्ठान भी सांकेतिक होगा। पूजा के दौरान आम श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित होगा। सिर्फ मंदिर के पुजारी, सेवादार और समिति के लोग ही शामिल होंगे। जिला प्रशासन के आदेशानुसार अधिकतम 50 लोगों को पूजा में शामिल होने की अनुमति होगी।

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23 जून को संपन्न हुआ रथयात्रा

रथयात्रा 23 जून को संपन्न हुआ था। मान्यतानुसार भगवान अपने भाई-बहन के साथ नौ दिन के प्रवास पर मौसी के घर जाते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण अनुष्ठान मंदिर में संपन्न कराये गए। मौसीबाड़ी की बजाय मंदिर परिसर में ही डोल मंडप में विराजमान कराया गया है। यहीं नियमित पूजा हो रही है।


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