Move to Jagran APP

फिट रहने का संदेश, मनाली से लेह तक की 550 किमी की साइकिल यात्रा कर रांची लौटी साइक्लिस्ट टीम

कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच रांची के नागरिकों ने अपनी साइकिल यात्रा के जरिए देश को माइ फिटनेस माइ वैक्सीन का संदेश दिया है। अभियान में रांची के 28 वर्ष से 50 वर्ष तक के लोग शामिल रहे।

By Brajesh MishraEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 01:57 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 07:25 PM (IST)
फिट रहने का संदेश, मनाली से लेह तक की 550 किमी की साइकिल यात्रा कर रांची लौटी साइक्लिस्ट टीम
मनाली से लेह तक की यात्रा पर निकले लोग।

रांची, जासं। 1638 मीटर एलेवेशन (चढ़ाव)। विजिबिलिटी 10 मीटर से भी कम। सामने कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। चारों ओर कोहरा। बारिश भी हो रही थी। तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस। स्थिति ऐसी कि पैर के अंगूठे भी जाम। ऐसी मुश्किल जगह और विषम मौसम में हम पहले दिन मनाली से मरही की यात्रा पर निकले। साइक्लोपीडिया ग्रुप के सदस्य सभी कुछ झेलते हुए 39 किमी की यात्रा तय कर मरही पहुंचे। तब लगा कि हमने एक मुकाम को पा लिया है। यह कहते हुए साइक्लोपीडिया ग्रुप के चंद्रशेखर किंगर (50) रोमांच से भर उठते हैं। कहते हैं, साइकिल से पहाड़ और दर्रों को लांघ जाएंगे, ऐसा तो बस सपने में ही था। अब यह सपना पूरा हो गया है।

loksabha election banner

दरअसल, रांची के सायक्लोपीडिया ग्रुप की 25 जुलाई से शुरू हुई मनाली से लेह की दस दिनों की 'अनमोल एवं फिट ए-एफ साइकिल एक्सपेडिशन' तीन अगस्त को संपन्न हुई। इस अद्भुत यात्रा को तय कर साइक्लोपीडिया टीम के सदस्य गुरुवार को रांची लौट आए। ग्रुप के साइक्लिस्ट चंद्रशेखर बताते हैं कि मनाली से लेह तक की यात्रा का रोमांच अद्भुत रहा। कहते हैं, पिछले लॉकडाउन में जब सारी एक्टिविटी बंद हो गई थी, तब हमने साइक्लिंग शुरू की। कुछ दोस्तों अंकुर, अनिल के साथ साइक्लिंग शुरू की। कुछ ही समय में रांची के आसपास के सारे इलाके में हमने साइक्लिंग की। आइटीबीपी, गंगाघाट, पतरातू, दशम फॉल कई जगहों पर हमने साइक्लिंग की। कई नए इलाकों को एक्सप्लोर किया। 10 हजार किमी की यात्रा हमने साइक्लिंग से की है। इस उपलब्धि पर पूरे साइक्लोपीडिया ग्रुप को नाज है।

हौसलों में नहीं आई कमी

साइक्लोपीडिया ग्रुप के ही सदस्य हैं अंकुर चौधरी (36)। इस रोमांचक यात्रा से लौटने पर कहते हैं, बहुत टफ टेरेन को हमने पार किया। 550 किमी की दूरी हमने तय की। कहते हैं, जिस रूट पर हमने साइक्लिंग की, वह बाइकिंग के लिए मशहूर हैं। वहां हमने साइक्लिंग की। जिंगजिंगबार से सरचू वाया बारालाचा ला, जहां 1684 मीटर का एलेवेशन है, उसे पार किया। एक्स्‍ट्रीम वेदर कंडीशन रहते हुए भी हमारे हौसलों में कोई कमी नहीं आई। अंकुर कहते हैं, ये एडवेंचर तो था ही, इस टूर ने हमें मानसिक रूप से और मजबूत किया है।

हम यात्रा को पूरा करेंगे, ऐसा संकल्प था

साइक्लोपीडिया ग्रुप के विकास सिन्हा (41 वर्षीय) इस यात्रा से अभिभूत हैं। कहते हैं, हमने मनाली से लेह की 550 किलोमीटर की 10 दिनों की साइक्लिंग में पहले दिन ग्रुप ने मनाली से मरही 39.53 किलोमीटर, मरही से रोहतांग पास होते हुए सिसु तक 53.12 किलोमीटर की दूरी तय की। सिसु से जिसपा के बीच केलोंग में लैंडस्लाइड होने से यात्रा कुछ समय के लिए बाधित रही।

बाद में हमने 52.04 किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए आगे जिसपा से जिंग जिंग बार 14.06 किलोमीटर, जिंग जिंग बार से सरचू वाया बारालाचा 69.14 किलोमीटर, सरचू से व्हिस्की नाला वाया नकी ला 52.58 किलोमीटर, व्हिस्की नाला से देबरिंग वाया लचुंग ला 70.95 किलोमीटर, देबरिंग से लाटो 60.47 किलोमीटर एवं अंतिम दिन 2 अगस्त को लाटो से लेह तक 81.28 किलोमीटर का सफर तय किया।

इस तरह साइकिल अभियान की समाप्ति हुई। विकास कहते हैं कि हमलोग कंफर्ट जोन से निकल कर मुश्किल रास्तों का सफर तय कर रहे थे। बारिश और कंपकंपाने वाली ठंड। टेंट में रहना होता था। लाइट नहीं थी। मोबाइल का नेटवर्क नहीं था। घरवालों-मित्रों से कोई संपर्क नहीं था। बाथरूम तक नहीं था। फिर भी हमने इन मुश्किल परिस्थिति‍यों को पार किया।

कई गुना टफ रही यात्रा

जेसिया के पूर्व अध्यक्ष गौतम कुमार (46) कहते हैं कि रांची में जो हम साइक्लिंग करते थे, उसके मुकाबले मनाली से लेह तक की यात्रा कई गुना टफ रही। मेंटल, फिजिकल दोनों। कई बार लगता था कि अब लौट चला जाए। लेकिन बाद में जब सुबह होती थी तो फिर इस यात्रा में आगे बढ़ने के लिए तैयार हो जाते थे। यात्रा का हमारा मुख्य संदेश ही था- 'माइ फिटनेस माइ वैक्सीन'।

हमने विश्व के सबसे कठिनतम समुद्रतल से 18 हजार फीट की ऊंचाई को प्राप्त किया। जब हमने इस लक्ष्य को प्राप्त किया तो खुशी के मारे सारी थकान गायब हो गई। अभियान के दौरान हमें खराब मौसम, ओलावृष्टि, बारिश और कुहासे का सामना करना पड़ा और प्रशासन ने भूस्खलन के कारण 28 जुलाई को आगे जाने की अनुमति नहीं दी। इस वजह से हमें उस दिन जिसपा में ही रुकना पड़ा और उस दिन की दूरी को हमने अगले दिन की यात्रा में मेकअप किया।

जीवन भर इस यात्रा को नहीं भूल पाएंगे

साइक्लिंग टीम के सदस्य अनिल कुमार कहते हैं कि सुखद यात्रा रही। ईश्वर ने हमसब की परीक्षा ली। हम इसमें सफल रहे। सारी मुश्किल परिस्थितियों को पार किया। ग्रुप के ही सदस्य सौरभ माहेश्वरी कहते हैं कि एडवेंचर ऐसा कि पूछिए मत। जब चढ़ाई पर चढ़ते थे तो खत्म होने का नाम ही नहीं लेता था। लगातार ऊंचाई पर बढ़ते चले जाते थे। जब ऊंचाई से नीचे उतरते थे, तो उसका आनंद ही अलग होता था। बिना पैडल मारे ही कई किलोमीटर तक साइकिल बढ़ जाती थी। इतनी थकान के बाद लगता था कि जन्नत मिल गई है।

आंधी-पानी सब झेला, पर यात्रा में आगे बढ़ते रहे

साइक्लोपीडिया ग्रुप के अविकल मस्करा कहते हैं कि आंधी-पानी, तूफान सब झेला, पर यात्रा में रुके नहीं। चुनौतियां आती रहीं, हम पार करते रहे। कहते हैं कि डेढ़ महीने तक रांची में टीम के सभी सदस्यों ने तैयारी की। इस डेढ़ माह में हमने 1500 किमी साइक्लिंग की। हफ्ते में दो बार पतरातू घाटी आते-जाते थे। दो बार साइकिल से रामगढ़ घाटी जाना हुआ। हमारी इसी तैयारी ने आगे की यात्रा आसान की।

साइक्लिंग एक्सपीडिशन को अनमोल, कोलकाता एवं फिट ए-एफ, हैदराबाद ने किया था प्रायोजित

सायक्लोपीडिया ग्रुप में 28 वर्ष की आयु से लेकर 50 वर्ष की आयु के सदस्य शामिल रहे। इस साइक्लिंग एक्सपीडिशन को अनमोल, कोलकाता एवं फिट ए-एफ, हैदराबाद ने प्रायोजित किया था।

यात्रा पूरी कर इंडिगो से रांची पहुंचा ग्रुप

साइकलिस्ट लेह से इंडिगो फ्लाइट से रांची एयरपोर्ट पहुंचे, जहां गुरुनानक सेवक जत्था के सदस्य सूरज झंडई, करण अरोड़ा, आकाश पपनेजा, जीत सिंह, रौनक ग्रोवर, ऋषभ शर्मा ने उनका बुके देकर स्वागत किया।

टीम में ये सदस्य रहे शामिल

चंद्रशेखर किंगर (50), मिक्की नाग (28), अनिल अग्रवाल (49), गौतम कुमार (46), विकास सिन्हा (41), अंकुर चौधरी (36), अविकल मसकारा (32), अभिजीत चौधरी, सौरभ माहेश्वरी (32)।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.