तिलकुट की सोंधी खुशबू से महकने लगा रांची का बाजार
राजधानी की गलियों और सड़के तिलकुट की सोंधी खुशबू से महक रही हैं। बाजार में कई वैरायटी वाला तिलकुट उपलब्ध है। इस बार कीमत में लगभग 20 फीसद की वृद्धि है।
जासं, रांची।वैसे तो मकर संक्रांति में अभी काफी दिन शेष हैं। लेकिन राजधानी के बाजार अभी से तिलकुट की सोंधी खुशबू से महकने लगे हैं। तिलकुट की बिक्री शुरू हो गयी है। इस दौरान मेन रोड, कोकर, बिरसा व लालपुर चौक आदी प्रमुख जगहों में स्टॉल लगाकर तिलकुट की बिक्री की जा रही है। शहर में कई जगह सड़क के किनारे तिलकुट बनाया जाने लगा है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जाएगी, तिलकुट की मांग भी बढ़ेगी।
अपर बाजार स्थित तिलकुट के विक्रेता सुरेश गुप्ता ने बताया कि वैसे तो बाजार में हर प्रकार के तिलकुट उपलब्ध होते हैं, लेकिन खोया तिलकुट की मांग हर बार अधिक रहती है। कई बार तो मांग पूरी करना भी मुश्किल हो जाता है। थोड़ा मंहगा जरूर होता है, लेकिन बेहद स्वादिष्ट होता है। तिलकुट की तासीर गरम होती है, इसलिए यह सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत की दृष्टि से भी अच्छा है।
गया के रमना तिलकुट की विशेष मांग : वैसे लोकल तिलकुट तो बाजार में उपलब्ध ही होता है, लेकिन कई जगह पर गया से आकर कारीगर तिलकुट बना रहे हैं। बड़ी दुकानों में गया से तिलकुट आयात भी किया जा रहा है। गया की तिलकुट की मांग पूरे देश में होती है। इस दौरान अपर बाजार मेंस्थानीय और गया के कारीगर तिलकुट बनाने में व्यस्त हैं। इसके अलावा हर चौक-चौराहें पर चूड़ा, तिलकुट और लाई की दुकानें सज गई हैं।
कुछ वर्षो में काफी बढ़ गई है कीमत : देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में तिलकुट की मांग बढ़ने के साथ-साथ कीमत भी काफी ज्यादा हो गई है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार कीमत में औसतन 20 फीसद की वृद्धि हुई है। लेकिन तिलकुट के शौकीनों को कीमत की परवाह नहीं रहती। लोग अभी से तिलकुट का लुत्फ उठाने लगे हैं। अपर बाजार में तिलकुट के विक्रेता सुरेश गुप्ता ने बताया कि अभी तिलकुट बन ही रहा है। लेकिन इस दौरान बिक्री भी जारी है।