मजदूर यूनियनों के बंद का राज्य में रहा व्यापक असर, रांची में पांच हजार करोड़ का हुआ नुकसान
दिनभर सड़कों पर लगा रहा जाम यूनियनों ने जमकर किया प्रदर्शन। जासं रांची केंद्र सरक
-- दिनभर सड़कों पर लगा रहा जाम, यूनियनों ने जमकर किया प्रदर्शन जासं, रांची : केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की ओर से आहूत बंद का रांची सहित पूरे राज्य में व्यापक असर रहा। रांची के सभी दफ्तरों के बाहर यूनियन के सदस्यों के द्वारा प्रदर्शन किया गया। रांची और आसपास के दफ्तरों में काम प्रभावित होने से करीब पांच हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। इस बंद में कोयला, बिजली, डाक, रेलवे, बैंकिग सेक्टर, बीमा सेक्टर और स्टील सेक्टर सहित सभी पीएसयू के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। नेशनल फेडरेशन पोस्टल इम्प्लाइज यूनियन के नेता गौतम विश्वास ने बताया कि रांची सर्किल के सभी पोस्ट आफिसों में हड़ताल के कारण कामकाज ठप रहा। यूनियनों के प्रदर्शन के कारण दिन भर सड़कों पर जाम की भी स्थिति बनी रही।
वहीं रांची में सबसे पहले विरोध प्रदर्शन कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनी सीएमपीडीआइ में हुआ। कंपनी में काम लगभग ठप रहा। कोयला मजदूर यूनियन (एआइटीयूसी) के नेता अशोक यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर सीएमपीडीआइ के कर्मचारियों में काफी रोष है। लोग स्वत: प्रेरित होकर हड़ताल का हिस्सा बने हैं। वहीं कोल यूनियन सीटू के महासचिव डीडी रामानंदन ने कहा कि सीसीएल में पूरी तरह कोयले का उठाव प्रभावित रहा है। इसके साथ मजदूरों ने खनन का काम भी पूरी तरह बंद रखा। केंद्र सरकार की विनिवेश की नीति और मजदूर विरोधी कानून के कारण ही हड़ताल की नौबत आई है।
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पोस्टल विभाग में ठप रहा काम:
हड़ताल की वजह से रांची सर्किल के पोस्ट आफिसों में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। पत्र वितरण, एनपीएस सहित अन्य काम नहीं हुए। अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ पी-3 पी-4 के सदस्य सुबह 11 बजे रांची जीपीओ के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे थे। हालांकि जीपीओ में कर्मचारियों ने स्वत: की कोई काउंटर नहीं खोला।
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राज्य भर में दो हजार बैंक शाखाओं में लटके रहे ताले :
हड़ताल के कारण राज्य में बैंक की दो हजार से ज्यादा शाखाओं का कामकाज ठप रहा। इससे लगभग 10 हजार करोड़ नकद व चेक क्लियरिग का काम प्रभावित हुआ। इस क्रम में आल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि व्यावसायिक बैंको और ग्रामीण बैंक के 14 हजार से ज्यादा बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे। दोपहर तक बैंकों के सारे एटीएम ड्राई हो गए। हड़ताल के कारण एटीएम में दोबारा कैश फीड नहीं हो सका। इसके कारण बैंक ग्राहक विभिन्न बैंकों के एटीएम का चक्कर काटते रहे। इस हड़ताल में आल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन, आल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन, बैंक इम्पलाइज फेडरेशन और यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन, स्टेट बैंक की यूनियन ऑयबोक, एनसीबीइ और भारतीय मजदूर संघ, बैंक यूनियन नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स शामिल हुए।
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बीएसएनएल मजदूरों ने दिखाई एकता : बीएसएनएल मजदूरों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए जमकर प्रदर्शन किया। हड़ताल को सफल बनाने के लिए दैनिकभोगी मजदूर संघ के अध्यक्ष ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय संपत्ति को बेचने और नकली राष्ट्रवाद का चोला उतार कर 4 जी स्पेक्ट्रम का आवंटन जल्द करने के लिए कदम उठाएगी। बीएसएनएल प्रबंध को छंटनीग्रस्त मजदूरों को काम पर वापिस नहीं लेने का खमियाजा भुगतना पड़ेगा। मजदूर समान काम का समान वेतन भुगतान को लागू कराने, मजदूरों को काम पर वापसी और बकाया भुगतान की मांग को लेकर सभी मजदूर एकजुट हैं।
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क्या है कोल क्षेत्र से जुड़ी मांग:
1. कोल इंडिया लिमिटेड व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश की प्रक्रिया को रोका जाए।
2. कामर्शियल माइनिग को रोका जाए।
3. सीएमपीडीआइ के साथ एमएससीएल के विलय और कोल इंडिया लिमिटेड से सीएमपीडीआइएल को अलग करने के प्रस्ताव पर रोका जाए।
4. श्रमिकों के अधिकारों को कटौती करने वाला श्रम कानूनों में संशोधन बंद किया जाए।
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अन्य सेक्टर की मांगें
1. 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूर विरोधी चार कानून को बदलने का निर्णय हो वापस
2. न्यूनतम वेतन हो 21 हजार, केंद्र और राज्य सरकार में वेतन हो एक समान
3. आंगनबाड़ी, एमडीएम अन्य ठेका, संविदा कर्मी को सरकारी कर्मी घोषित किया जाए
4. सेवारत कर्मियों को 50 वर्ष या 33 वर्ष सेवा के बाद जबरन न करें रिटायर
5. सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण व विनिवेशीकरण किया जाए बंद
6. मनरेगा और निर्माण मजदूरों का पेंशन हो तीन हजार, साथ ही उनके सभी लाभों की वृद्धि की जाए
7. ठेका, संविदा, आउटसोर्स प्रणाली की जगह स्थायी और नियमित रोजगार की हो व्यवस्था
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शामिल रहीं यूनियनें
इस हड़ताल से भाजपा से संबद्ध मजदूर यूनियन भारतीय मजदूर संघ ने पहले ही किनारा कर लिया था। इसके अलावा इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एचएमएस (हिद मजदूर सभा), सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन), एआइयूटीयूसी (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), टीयूसीसी (ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर), सेवा (सेल्फ एम्प्लॉयज वूमेंस एसोसिएशन), एआइसीसीटीयू(ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन), एलपीएफ (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशनल), यूटीयूसी (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस) इस हड़ताल में शामिल रहीं।