Move to Jagran APP

कोरोना काल में भी नहीं बंद हुई शिक्षा का अलख जगाने वाली आवाज

आज शिक्षक दिवस है। इस मौके पर उन शिक्षकों को याद किया जा रहा है जो कोरोना काल में अपनी शिक्षा की अलख ज गाते रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 07:02 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 07:02 AM (IST)
कोरोना काल में भी नहीं बंद हुई शिक्षा का अलख जगाने वाली आवाज
कोरोना काल में भी नहीं बंद हुई शिक्षा का अलख जगाने वाली आवाज

जागरण संवाददाता, रांची: आज शिक्षक दिवस है। इस मौके पर उन शिक्षकों को याद किया जा रहा है जिन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी जान की बाजी लगा कर शिक्षा की अलख जगाए रखी। इनमें से किसी ने अपने लेक्चर रिकार्ड कर रेडियो पर प्रसारित कराए तो किसी ने यूट्यूब का सहारा लेकर बच्चों को तालीम से जोड़े रखा। जीवन में वही सफल हो सका है जिसने शिक्षकों के मार्गदर्शन को आत्मसात कर जीवन पथ पर निरंतर बढ़ता गया। कबीर अपने दोहा धरती सब कागद करौ, गुरु गुण लिखा न जाई.. के माध्यम से गुरु की महिमा का बखान किया है। कबीर कहते हैं पूरी धरती को भी अगर कागज बना दें फिर भी शिक्षक का गुण पूर्ण नहीं हो सकता है।

loksabha election banner

क्लास बंद हुये तो रेडियो पर प्रसारित किया लेक्चर

मार्च के दूसरे सप्ताह में कोरोना के दूसरी लहर ने फिर से दस्तक दे दिया था। अप्रैल से दोबारा स्कूल-कॉलेज बंद कर दिये गये। ऐसे में कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित रेडियो खांची के निदेशक डा. आनंद ठाकुर ने अनूठी पहल शुरु की। पीजी व यूजी शिक्षकों को अपने घरों से ही लेक्चर रिकॉर्ड करके भेजने को कहा। लेक्चर को रेडियो खांची पर प्रसारित किया जाने लगा। डॉ आनंद ठाकुर कहते हैं सबसे पहले यह विचार तत्कालीन कुलपति प्रो रमेश पांडेय और प्रतिकुलपति डा. कामिनी कुमार को दिया। विचार उन्हें पसंद आया फिर शिक्षकों के लिए विशेष निर्देश जारी कर दिये। यही नहीं सबसे पहला लेक्चर प्रो रमेश कुमार पांडेय और डा. कामिनी कुमार ने ही रिकॉर्ड कराया था। इससे प्रेरित होकर लगातार शिक्षक अपना लेक्चर भेजने लगे। करीब तीन माह में ही 12 सौ से ज्यादा लेक्चर प्रसारित किया गया। रेडियो खांची की फ्रिक्वेंसी कम है ऐसे में लेक्चर को यूट्यूब पर भी अपलोड किया करना शुरु किया। ये पहल सफल हुआ। हजारों छात्रों को इससे लाभ मिला।

स्कूल बंद हुआ तो शुरु किया शारीरिक शिक्षा का ऑनलाइन क्लास

जासं, रांची : कोरोना के दोबारा दस्तक देने के साथ ही स्कूल बंद हो गये। किताबी पढ़ाई तो ऑनलाइन शुरु हो गई लेकिन खेल-कूद कैसे हो। कोरोना से कब निजात मिलेगी कहना मुश्किल था। ऐसे समय में छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाए रखना एक चुनौती थी। ऐसे में डीएवी स्कूल पुंदाग के खेल शिक्षक आशीष जायसवाल ने शारीरिक शिक्षा भी ऑनलाइन कराने लगे। शुरूआत में बड़ी परेशानी हुई। शारीरिक शिक्षा में बॉडी लैंग्वेज का बड़ा महत्व होता है। अब समझाते कुछ और छात्र करते कुछ और। लय में आने में ही महीना भर से ज्यादा समय बीत गया। ऑनलाइन अभ्यास जारी रखा।

ऑनलाइन अभ्यास का फायदा यह हुआ कि परिस्थितियों के सामान्य होने पर रांची जिला बॉक्सिग प्रतियोगिता में विद्यालय के सचिन कुमार पांडे ने रजत पदक जीतकर स्कूल व परिवार का नाम रौशन किया। यूट्यूब पर अपलोड किए अपने लेक्चर

जासं, रांची : हिदपीढ़ी के रहने वाले आरिज एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। कोरोना काल में बच्चों को तालीम से जोड़ने रखने के लिए उन्होंने एक नया तरीका निकाला। उन्होंने अपने लेक्चर यूट्यूब पर अपलोड कर दिए। उनके सभी छात्र उनके यूट्यब चैनल से जुड़ गए और वहां से पढ़ाई करने लगे। कहीं, दिक्कत होने या डाउट होने पर ये छात्र आरिज को फोन करते। आरिज फोन पर सारे सवाल साफ कर छात्रों को समझा देते। इससे मोहल्ले में आरिज की काफी इज्जत बढ़ी। लोगों ने उनके इस काम की सराहना की। क्योंकि, आरिज भी चाहते तो लाकडाउन के दौरान आराम कर सकते थे। मगर, उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपने भूगोल, इतिहास, साइंस, मोरल साइंस आदि विषयों पर लगातार लेक्चर रिकार्ड कराते रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.