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ट्रेंच कम बंड से गाव की बदल रही है तस्वीर, बंजर भूमि में डाल रही है जान

झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अर्थशास्त्र पानी के इर्द-गिर्द ही सिमटा है। यहां ट्रैंच कम बेंड से राहत मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 02:30 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 06:09 AM (IST)
ट्रेंच कम बंड से गाव की बदल रही है तस्वीर, बंजर भूमि में डाल रही है जान
ट्रेंच कम बंड से गाव की बदल रही है तस्वीर, बंजर भूमि में डाल रही है जान

शक्ति सिंह, राची: झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अर्थशास्त्र पानी के इर्द-गिर्द ही सिमटा है। पानी को रोक लिया तो पलायन भी रुक जाएगा। इसी को लेकर नीलाबर पीताबर जल समृद्धि योजना के तहत जल संरक्षण की दिशा में राची जिला प्रशासन बेहतर काम कर रहा है। जल संरक्षण को लेकर आरा केरम बेहतर उदाहरण बनकर सामने आया है । जहा ट्रेंच कम बंड ने पूरे गाव की तस्वीर को बदलने का काम किया है। गाव के लोगों ने गाव के पानी को गाव में ही पूरी तरह रोकने का प्रयास किया है। इस गाव को देख कर लगता है कि यहा जलछाजन सिद्धात को पूरी तरह से पालन किया गया है। गाव की बंजर भूमि में वर्षा का पानी रोकने के लिए ग्रामीणों ने मनरेगा के माध्यम से पूरे 60 एकड़ क्षेत्रफल में ट्रेंच कम बंड का काम किया गया है। जिससे अब आरा केरम के ग्रामीणों को पहाड़ और बंजर जमीन का उपचार करने से धीरे-धीरे खेत तक पानी मिलने लगा है। पानी की उपलब्धता होने के कारण वहा 1 एकड़ भूमि पर आम बागवानी का काम किया गया।

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वर्तमान वित्तीय वर्ष में बनेगा 3174 ट्रेंच कम बंड

जल संरक्षण की दिशा में राची जिला प्रशासन ट्रेंच कम बंड पर पूरा जोर दे रहा है। यही वजह है 2020 -21 वित्तीय वर्ष में 3174 ट्रेंच कम बंड बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। 1502 ट्रेंच कम बंड पर काम भी शुरू हो गया है। अब तक 58 ट्रेंच कम बंड बनकर तैयार भी हो गया है।

क्या है ट्रेंच कम बंड

ट्रेंच कम बंड का निर्माण जल संरक्षण को लेकर किया जाता है। ढलान वाले इलाकों में इनका निर्माण किया जाता है। ताकि बारिश के पानी को रोका जा सके। छोटे-छोटे गढ्डे को कतार बद्ध बनाया जाता है। इससे बारिश का पानी खेत में रुकता है। और बंजर भूमि को पानी मिल पाता है। साथ मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद मिलती है। प्रवासी मजदूरों को मिलेगा काम

जल संरक्षण के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों को भी इस दिशा में काम मिलेगा। मनरेगा के तहत उन्हें काम दिया जाएगा। नीलाबर पिताबर जल समृद्धि योजना के उद्देश्य : - वर्षा जल के बहाव को कम करना

- बारिश के पानी का जल संचयन

- जमीन में नमी की मात्रा को बढ़ाना, खेत के पानी को रोकना

- ऊपरी जमीन का संवर्धन और उसकी उर्वरा शक्ति को बढ़ाना

- इसके अंतर्गत जल संरक्षण की विभिन्न संरचनाओं का निर्माण करना जैसे टीसीबी, मेड़बंदी करना सहित अन्य कार्य हैं।

राची जिला में प्रखंड वार ट्रेंच कम बंड की स्थिति : प्रखंड - स्वीकृत - वर्तमान में चल रहे कार्य आनगड़ा - 402 - 182 बेड़ो -172 - 81 बुंडू 213 - 99 बुढ़मू 194- 58 चान्हो 201 - 116 इटकी75 - 48 काके - 262- 96 खलारी -62- 0 लापुंग 231- 74 माडर - 112- 64 नगड़ी- 45- 27 नामकुम- 246-147 ओरमाझी- 246- 112 राहे - 105- 54 रातू- 33 - 17 सिल्ली - 224 -121 सोनाहातू - 100- 52 तमाड़ -250 154 कुल 3174 -1502


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