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दिखा चाद, आज घरों में अदा की जाएगी ईद उल फित्र की नमाज

रमजान उल मुबारक महीने का 30वा रोजा रविवार को रोजेदारों ने मुक्कमल किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 02:43 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 02:43 AM (IST)
दिखा चाद, आज घरों में अदा की जाएगी ईद उल फित्र की नमाज

जागरण संवाददाता, राची : रमजान उल मुबारक महीने का 30वा रोजा रविवार को रोजेदारों ने मुकम्मल किया। इसके साथ ही ईद का चाद भी नजर आया। चाद की दीदार के साथ सोमवार को राची समेत पूरे राज्य में ईद मनाई जाएगी। हालाकि ईद को लेकर रविवार को बाजार नहीं खुलने और ईदगाह व मस्जिदों को बंद किए जाने की वजह से मुस्लिम बहुल इलाकों में चाद रात की चहल-पहल नहीं रही। रविवार को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के अधिकतर मोहल्लों में सुबह से शाम तक सन्नाटा पसरा रहा। वहीं मगरिब के बाद कुछ इलाकों में रोजेदारों की भीड़ हुई। लोग अपने जरूरत का सामान खरीदे। सेवईं, लच्छा आदि की लोगों ने खरीदारी की। इसको लेकर दुकानों में भीड़ भी लगी। हालाकि दुकानदार दुकानों में शारीरिक दूरी का पालन करने की ग्राहकों को हिदायत भी देते नजर आए। इधर, मगरिब की नमाज के बाद से दोस्तों और रिश्तेदारों को ईद मुबारकबादी का सिलसिला शुरू हो गया, जो देर रात तक जारी रहा।

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महिलाओं ने संभाला किचन :

महिलाएं भी ईद की तैयारी में जुट गई हैं। रविवार की शाम इफ्तार करने के बाद महिलाएं तय की गई रेसिपी के हिसाब से पकवान बनाने में जुट गई। देर रात तक महिलाएं किचन में ही लगी रहीं। इसमें घर के पुरुषों ने भी उनका साथ दिया। इधर, लॉकडाउन की वजह से भले ही घरों में किसी का आना-जाना नहीं होगा। बावजूद इसके घरों को सजाने-संवारने में देर रात तक लोग जुटे रहे। घर के मर्द से लेकर औरतें तक घरों की साफ-सफाई की। चादर व पर्दे भी साफ-सुथरे लगाए गए हैं।

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ईद उल फित्र पर ये जरूर करें ::

---ईद के दिन गुस्ल करें, अच्छे कपड़े पहने, खुशबू व सुरमा लगाएं और खजूर जरूर खाएं। ये सुन्नत है। इसका एहतिमाम करें।

-नमाज से पहले गरीबों को सदका जरूर दे। सदका ए फित्र की रकम प्रति व्यक्ति 66 रुपये निर्धारित है।

-ईद उल फित्र के दिन भी लॉकडाउन की पाबंदी करें

-अपने अपने घर में रहें। किसी से मिलने न जाएं।

-ईद के दिन न किसी से हाथ मिलाएं और न गले मिलें।

-अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को ईद की मुबारकबाद मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिए से दें।

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इसमें उलेमाओं का नाम लिख लेना

इनाम एक को मिलता पर खुशिया सब मनाते

ईद मोहब्बत और प्यार बिखरने का नाम है। इस लॉकडाउन में दो जिम्मेदारी हम सब के काधे पर है। एक तो लॉकडाउन का पालन करना और हुकूमत के कानून पर चलकर अपनी इबादतों को अपने घर में करना। इससे दो मैसेज जाता है कि इस्लाम दीन और दुनिया दोनो को साथ लेकर चलने का पैगाम देता है। ईद इनाम का नाम है, जब किसी को इनाम मिलता है तो इनाम पाने वाला एक होता है मगर खुशी पूरा समाज मनाता है। भारत की अनोखी ईद है कि इस ईद में हर समुदाय के लोग गले नहीं मिलेंगे मगर दिल मिलाएंगे। और नफरत को मिटाएंगे। आज हमें मुल्क से कोरोना को भगाना है और देश में खुशी के साथ ईद मनाना है।

मौलाना तहजीबुल हसन रिजवी, इमाम जाफरिया मस्जिद

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ईद में पड़ोसियों की करें मदद

ईद की नमाज घरों में अदा करें। जिस घर में कम से कम चार आदमी है उस घर में ईद की नमाज हो सकती है। कुरआन की जानकारी रखने वाला व्यक्ति इमामत कर सकता है और ईद की नमाज अदा करा सकता है। ईद की मुबारकबादी भी फोन से ही दें। दूर के लोगों को वीसी के जरिये उन्हें मुबारकबादी दें। पड़ोसी की मदद करें। ईद की नमाज पढ़ने से पहले हर व्यक्ति फित्रा की रकम हर हाल में अदा कर दें। उस रकम को जरूरतमंद तक पहुंचाए। ताकि पड़ोसी और गरीब भी ईद की खुशी में शामिल हो सके। उनके अंदर भी एहसास पैदा हो और मुझे देखने वाले समझने मौजूद हो। उनके दिल से दुआएं निकले। सभी लोग इस बात का ख्याल करें कि हमारी वजह से किसी दूसरे तकलीफ नहीं पहुंचे। मुल्क कोरोना मुक्त हो, इसके लिए दुआएं करें।

मौलाना तलहा नदवी, इमाम व खतीब

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सादगी से मनाए ईद उल फित्र

ईद उल फित्र पूरे देश में हर्ष, धार्मिक उत्साह और भक्ति के साथ मनायी जाती है। देशभर में मस्जिदों, ईदगाहों और खुले मैदानों में ईद की नमाज अदा होती है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण, इस साल ईदगाहों और मस्जिदों में ईद की नमाज अदा नहीं की जाएगी। स्थिति इतनी धैर्यपूर्व है कि हर किसी की आखे नम है। शायद अल्लाह को यही मंजूर है। हम सभी अल्लाह के इस फैसले से संतुष्ट हैं। बीमारी रोकने के लिए एहतियात के तौर पर कदम उठाते हुए हम सभी अपने घरों में ईद की नमाज अदा करें। सादगी के साथ ईद मनाए। कोशिश करें कि ईद उल फित्र की नफिल नमाज अदा करने के बाद घर के लोगों के साथ रहें। दूसरे से मिले जुले नहीं। साथ ही अल्लाह से कोरोना वायरस के खातमा के लिए दुआ करें।


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