सीवरेज-ड्रेनेज योजना की लागत में सौ करोड़ की होगी वृद्धि
मेसर्स ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को टर्मिनेट करने के बाद अब अनए सिरे से काम होगा।
जागरण संवाददाता, रांची : मेसर्स ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को टर्मिनेट करने के बाद अब सीवरेज-ड्रेनेज योजना की लागत में लगभग सौ करोड़ रुपये की वृद्धि होने की संभावना है। फिलहाल इस योजना की लागत 359 करोड़ रुपये है। 26 अक्टूबर को रांची नगर निगम के अधिकारी एजेंसी की उपस्थिति में अब तक किए गए कार्यो का एसेसमेंट करेंगे। यदि एजेंसी के प्रतिनिधि मौके पर हाजिर नहीं होंगे तो नगर निगम के अधिकारी स्वतंत्र रूप से एसेसमेंट का कार्य करेंगे।
निगम के अधिकारियों की मानें तो एसेसमेट कार्य पूरा होने के बाद शेष बचे कार्य का एस्टीमेट तैयार किया जाएगा। फिर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (पीएमसी) वर्तमान दर के आधार पर डीपीआर तैयार करेगा। उसके बाद शेष बचे कार्यो के लिए टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर में पुराने काम को नए काम से इंटीग्रेट करने की शर्त होगी।
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कंपनी व नगर निगम के बीच एकरारनामा की शर्त खत्म
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार टर्मिनेशन के आदेश के साथ ही कंपनी के साथ किए गए एकरारनामा की शर्ते खत्म हो चुकी है। कंपनी की ओर से जमा किए गए बैंक गारंटी की राशि भी जब्त की जाएगी। बैंक गारंटी के रूप में संबंधित योजना की कुल लागत की तीन फीसद राशि बैंक गारंटी के रूप में जमा की गई थी। इसके अलावा कंपनी को दिए गए मोबिलाइजेशन फंड की शेष राशि की रिकवरी भी कंपनी के बकाए राशि से की जाएगी।
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पृष्ठभूमि में पहले से चल रही थीं ये चीजें
29 मार्च को भी नगर आयुक्त ने कंपनी को टर्मिनेट करने की अनुशंसा करते हुए नगर विकास विभाग के सचिव को पत्र भेजा था। विभागीय सचिव ने अप्रैल माह में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद कंपनी को 11 माह का समयावधि विस्तार दिया था।
काम में प्रगति न होता देख रांची नगर निगम के अधिकारी ने कंपनी को 13 से अधिक नोटिस दिया। फिर भी कंपनी की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। 21 अगस्त को नगर आयुक्त मनोज कुमार ने कंपनी को टर्मिनेट करने की अनुशंसा करते हुए नगर विकास विभाग को पत्र लिखा था।
23 सितंबर को नगर विकास विभाग ने कंपनी को टर्मिनेट करने की स्वीकृति प्रदान कर दी।
आठ अगस्त को कंपनी को शो-कॉज जारी करते हुए कहा गया कि क्यों नहीं आपको टर्मिनेट कर दिया जाए? हालांकि कंपनी ने इस शो-कॉज का भी कोई जवाब नहीं दिया। -----
कंपनी की खामियां
- मार्च 2019 के बाद सीवरेज-ड्रेनेज योजना में कोई प्रोग्रेस नहीं हुआ।
- राज्य सरकार से किए गए कमिटमेंट में कंपनी का फेल होना।
- सरकारी बैठक में दिए गए निर्देशों का एजेंसी द्वारा पालन नहीं करना।
- काम में प्रगति लाने का कोई प्रयास नहीं करना।
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फोकस :
- चार वर्षो में सीवरेज-ड्रेनेज योजना का काम मात्र 40-42 फीसद ही पूरा हुआ।
- सीवर लाइन मात्र 113 किमी. बिछाए गए।
- लेम बड़गांई स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माण के तहत अब तक सिर्फ फाउंडेशन का कार्य किया गया।
- कटहल गोंदा में सीवरेज पंपिंग स्टेशन का कार्य लगभग 80 फीसद पूरा हुआ।