की बोर्ड पर थिरक रहीं, घूंघट में छिपी चूल्हा चौका वाली अंगुलियां
शुरू में गांव की सीधी-साधी घूंघट में छिपी महिलाएं कंप्यूटर देखकर असहज महसूस कर रही थीं ।
गोड्डा [ डॉ. प्रणोश ] । कल तक गूगल, फेसबुक, ईमेल आदि शब्दों से अनजान ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अब इनका खूब इस्तेमाल कर रही हैं। इसके इस्तेमाल से देश-दुनिया से जुड़ रही हैं। छात्रएं पलभर में किसी भी सवाल का जवाब गूगल में सर्च कर निकाल रही हैं। अनेक महिलाएं व युवतियां कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त कर इस क्षेत्र में करियर बनाने की भी इच्छुक हैं।
दरअसल, अडाणी फाउंडेशन ने मोतिया, रंगनिया, पटवा, गंगटा आदि जगहों पर कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोला है जहां प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इन दिनों भीड़ उमड़ रही है। अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशिक्षण प्राप्त करने की इच्छुक महिलाओं व लड़कियों से अपना निबंधन करा लेने को कहा गया है। महिलाओं की उत्सुकता को देखते हुए कंपनी ने दो और प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की है। इस माह के अंत तक डुमरिया व बक्सरा में भी प्रशिक्षण शुरू होने की उम्मीद है।
हालांकि, शुरू में गांव की सीधी-साधी घूंघट में छिपी महिलाएं कंप्यूटर देखकर असहज महसूस कर रही थीं लेकिन, जैसे ही कंप्यूटर के की बोर्ड पर उनके हाथ तेज रफ्तार से थिरकने लगे उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया। और तो और अपने घरों में जाकर छोटे-छोटे बच्चों को कंप्यूटर के बारे में जानकारी देती हैं। उन्हें देखकर तो कई बार लोगों को ये लगता ही नहीं है कि गांव की महिलाओं को कंप्यूटर से जुड़ी इतनी सारी जानकारियां हैं।
अडाणी फाउंडेशन प्रभावित इलाके के लोगों के जीवन स्तर को उन्नत बनाने के लिए प्रयासरत है। इस क्रम में सिलाई-कटाई प्रशिक्षण केंद्र व कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र का संचालन किया जा रहा है। भविष्य में वाहन चालक ट्रेनिंग सेंटर, इलेक्ट्रिशियन, आदि का भी प्रशिक्षण देने की योजना है।
-सुबोध सिंह, सीएसआर हेड, अडाणी फाउंडेशन
यह भी पढ़ेंः पेंशन से वंचित हो सकते हैं झारखंड के 50 हजार कर्मी
यह भी पढ़ेंः दिसंबर में पेश होगा झारखंड का बजट, वित्तीय वर्ष जनवरी से