Move to Jagran APP

Terror Funding: हाई कोर्ट में एनआइए बोली, व्यवसायी उग्रवादी संगठन को देते थे पैसे

Jharkhand High Court News सुनवाई के दौरान एनआइए की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रार्थियों पर उग्रवादी संगठन टीपीसी को राशि देने का मामला बनता है। ये लोग जानबूझ कर उग्रवादी संगठन को पैसे देते थे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 05:31 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 05:34 PM (IST)
अगली सुनवाई 24 नवंबर को निर्धारित की गई है।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान एनआइए की ओर से बहस पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 24 नवंबर को निर्धारित की है। दरअसल, टेरर फंडिंग के अभियुक्त विनीत, महेश और अमित अग्रवाल की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

loksabha election banner

सुनवाई के दौरान एनआइए की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रार्थियों पर उग्रवादी संगठन टीपीसी को राशि देने का मामला बनता है। ये लोग जानबूझ कर उग्रवादी संगठन को पैसे देते थे। ऐसे में इनका यह कहना कि वे इस मामले में पीड़ित हैं और उनसे रंगदारी मांगी जाती थी, यह बिल्कुल गलत है। अदालत को यह भी बताया गया कि उग्रवादी संगठन इनसे मिली राशि का इस्तेमाल हथियार खरीदने में करता था।

इसका इस्तेमाल पुलिस के खिलाफ किया जाता था। हालांकि एनआइए की ओर से बहस पूरी नहीं हो सकी। बता दें कि चतरा जिले के टंडवा स्थित आम्रपाली कोल परियोजना में काम करने के एवज में शांति समिति के जरिए पैसे की वसूली होती थी। इसका कुछ भाग उग्रवादी संगठन को भी दिया जाता था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.