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टेरर फंडिंग के आरोपितों अमित व महेश के मामले में एक जुलाई को सुनवाई

रांची झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में टेरर फंडिंग के आरोपित महेश अग्रवाल व अमित अग्रवाल की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान एनआइए की ओर से अदालत से समय देने की गुहार लगाई गई जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। मामले में अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 01:56 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 01:56 AM (IST)
टेरर फंडिंग के आरोपितों अमित व महेश के मामले में एक जुलाई को सुनवाई
टेरर फंडिंग के आरोपितों अमित व महेश के मामले में एक जुलाई को सुनवाई

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में टेरर फंडिंग के आरोपित महेश अग्रवाल व अमित अग्रवाल की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान एनआइए की ओर से अदालत से समय देने की गुहार लगाई गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। मामले में अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी। हालांकि, इस दौरान इनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक जारी रहेगी। दरअसल, अमित अग्रवाल व महेश अग्रवाल की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर टेरर फंडिंग में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले में वे लोग खुद पीड़ित हैं, क्योंकि आम्रपाली प्रोजेक्ट में काम करने के लिए उनसे लेवी वसूली जाती थी। लेकिन, एनआइए ने उन्हें आरोपित बना दिया है।

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बता दें कि टंडवा के आम्रपाली व मगध कोल प्रोजेक्ट में शांति समिति के जरिए वसूली की जाती थी। इसका एक भाग उग्रवादी संगठन टीपीसी को भी दिया जाता था। इस मामले में पहले पुलिस ने मामला दर्ज किया था। बाद में एनआइए ने इसे टेकओवर कर लिया और अब इस मामले की जांच कर रही है।

---------------- हाई कोर्ट व निचली अदालत में वीसी से सुनवाई रहेगी जारी

रांची : कोरोना संकट को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट और राज्य की निचली अदालतों में 30 जून तक मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से जारी रहेगी। इसको लेकर मंगलवार को हाई कोर्ट के फुल कोर्ट की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि वर्तमान में जारी प्रक्रिया को 30 जून तक यथावत रखा जाएगा। इससे पहले हाई कोर्ट के एडवोकेट एसोसिएशन के साथ हुई बैठक में भी एसोसिएशन ने 30 जून तक वीसी के जरिए ही सुनवाई जारी रखने पर अपनी सहमति दी थी। इस संबंध में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ ने बताया कि मामलों की सुनवाई, ई-फाइलिंग, ई-मेंशनिंग की व्यवस्था जारी रहेगी। इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

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