Move to Jagran APP

इतिहास शिक्षक नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

रांची झारखंड हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने सोमवार को इतिहास शिक्षक नियुक्ति मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 02:13 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:21 AM (IST)
इतिहास शिक्षक नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

रांची : झारखंड हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने सोमवार को इतिहास शिक्षक नियुक्ति मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। अदालत ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि इतिहास विषय अपने में संपूर्ण विषय है। इसलिए प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास को संपूर्ण इतिहास नहीं माना जा सकता है। इसलिए एकल पीठ के आदेश में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

loksabha election banner

इस संबंध में तबरेज आलम व अन्य ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा वर्ष 2017 में इतिहास शिक्षक की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। ऑनलाइन आवेदन के बाद वे लोग परीक्षा में शामिल हुए थे। सफल होने के प्रमाण पत्र वेरीफिकेशन के दौरान जेएसएससी ने यह कहते हुए उनका नाम सूची से हटा लिया कि वह योग्यता नहीं रखते हैं।

कर्मचारी चयन आयोग का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि विज्ञापन में ही इतिहास से पीजी करने वालों आवेदन देने को कहा गया था। ऑनलाइन तो इन्होंने भी विषय के रूप में इतिहास रखा था। सफल होने के बाद जब इनसे प्रमाण पत्र मागा गया था तो इतिहास के बदले इनके पास प्राचीन इतिहास, मध्य इतिहास या आधुनिक इतिहास की डिग्री मिली। ये इतिहास के पाठ्यक्रम है। इनको संपूर्ण इतिहास नहीं माना जा सकता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने एकल पीठ के आदेश को सही मानते हुए प्रार्थियों की अपील याचिका खारिज कर दी।

------------- सीमित परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने सोमवार को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से ली गई दूसरी, तीसरी और चौथी सीमित प्रतियोगिता परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। सुनील कुमार पाडेय एवं अन्य ने याचिका दायर कर परीक्षा की शर्त हुए बदलाव को चुनौती दी थी। इस पर जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने बताया कि परीक्षा हो गई है। परीक्षा के बाद सरकार ने उम्मीदवारों की नियुक्त भी कर दी है। ऐसे में याचिका अप्रासंगिक हो गई है। इसके बाद जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने याचिका खारिज कर दी।

------------- व्याख्याता घोटाला मामले के आरोपित भीम राम को मिली जमानत

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने सोमवार को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा व्याख्याता नियुक्ति घोटाले के आरोपित भीम राम को जमानत प्रदान कर दी। अदालत ने उन्हें दस-दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया। भीम राम की ओर से हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी। इन पर आरोप है कि नंबर बढ़ाकर परीक्षा में पास हो हुए थे और उनकी नियुक्ति जीएलए कॉलेज डालटनगंज (मेदिनीनगर) में हो गई। व्याख्याता नियुक्ति घोटाले की जाच सीबीआइ कर रही है। जांच में पता चला कि परीक्षा में इन्हें 110 नंबर मिले थे, लेकिन पास करने के लिए 120 नंबर की जरूरत थी। सीबीआइ ने भीम राम पर प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में करीब 61 से ज्यादा लोगों के आरोपित बनाया गया है।

-------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.