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Swami Vivekananda Jayanti : भारत के युवाओं में था स्वामी विवेकानंद का अटूट विश्वास

Swami Vivekananda Jayanti राम कृष्ण मिशन के सचिव स्वामी भावेशानंद एवं अशोक भगत ने अपनी बात रखी।

By Edited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 02:04 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 10:54 AM (IST)
Swami Vivekananda Jayanti : भारत के युवाओं में था स्वामी विवेकानंद का अटूट विश्वास
Swami Vivekananda Jayanti : भारत के युवाओं में था स्वामी विवेकानंद का अटूट विश्वास

रांची, जासं। Swami Vivekananda Jayanti राम कृष्ण मिशन के सचिव स्वामी भावेशानंद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर युवा दिवस मनाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योकि वो युवाओं के प्रेरणाश्रोत हैं। उन्होंने बहुत कम आयु में मनुष्य शरीर छोड़ दिया। मगर आज भी युवा उनकी तस्वीर देखकर ऊर्जा से रोमांचित हो जाते हैं। स्वामी विवेकानंद का भारत के युवाओं पर अटूट विश्वास था। उन्होंने जहां भी भाषण दिया या जब भी लेख लिखा भारत के युवाओं को जरूर संबोधित किया।

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उनका कहना था कि जब देश के युवा जागृत होंगे, संगठित होंगे और शिक्षित होंगे तभी देश का विकास संभव होगा। तभी वो देश के अच्छे नागरिक बनेंगे। इसके लिए स्वामी विवेकानंद ने थ्री एच पर जोड़ दिया था। पहला एच है हैंड इसका अर्थ है युवाओं को स्वावलंबी बनाना। युवा के हाथों में इतना हुनर देना की वो भारत के निर्माण में सहयोगी हो सके। दूसरा एच है हेड-इसका अर्थ है व्यक्ति के विचार के विकास पर जोर देने की बात है। इसके तहत युवा के चरित्र निर्माण, सोच का विकास, और नयी चीजों के विकास के लिए प्रेरित करना है।

वहीं तीसरा एच है हॉर्ट- इसका अर्थ है कि लोगों के मन का विकास करना परहित की भावना को जगाना। स्वामी जी का कहना था कि युवाओं में अच्छे संस्कार और चरित्र निर्माण जरूरी है नहीं तो वो महाभारत के दुर्योधन या रामायण के रावण की तरह हो जाएंगे। यानी शिक्षित तो होंगे मगर चरित्रहीन होंगे। ऐसे लोग देश के लिए नुकसानदेह होंगे। युवा अपने भाग्य के खुद निर्माता हैं। उन्हें अपने विश्वास को जगाना है। उन्हें अपने और ईश्वर पर विश्वास को जगाने की जरूरत है, तब ही उन्नति का मार्ग उन्हें प्राप्त होगा।

चरित्र, ज्ञान और कौशल निर्माण से होगा नए भारत का निर्माण : अशोक भगत

स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए सदा प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे। उन्होंने आज से सौ साल पहले ही नवीन भारत के निर्माण के लिए बहुमूल्य मंत्र दिया था। उन्होंने कहा था कि चरित्र, ज्ञान और कौशल निर्माण से ही नवीन भारत के निर्माण की शक्ति मिलेगी। इसके साथ ही किसानों के विकास के लिए भी सतत प्रयास करने की जरूरत है।

वहीं लघु और कुटीर उद्योग को भी बढ़ाना देने की जरूरत है। ऐसा करने से ही भारत का विकास संभव होगा। उन्होंने देश के निर्माण के लिए देश के युवाओं पर भरोसा जताया था। स्वामी विवेकानंद की बातों को ही ध्यान में रखकर विकास भारती बिशुनपुर के द्वारा किसानों को नई तकनीक सिखाने और युवाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार करने का कार्य कर रहा है।


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