झारखंड में विपक्षी गठबंधन पर सस्पेंस, झामुमो ने कहा-अभी सीट शेयरिंग पर फैसला नहीं
झारखंड में भाजपा के खिलाफ तैयार हो रहा विपक्षी गठबंधन का कुनबा बनने के पहले ही दरकता दिख रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में भाजपा के खिलाफ तैयार हो रहा विपक्षी गठबंधन का कुनबा बनने के पहले दरकता दिख रहा है। गुरुवार को नई दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की मुहिम और लोकसभा सीटों की शेय¨रग पर सहमति की अटकलों को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सिरे से नकार दिया है। झामुमो प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने शुक्रवार को 'जागरण' संग बातचीत में स्पष्ट कहा कि अभी तक लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा को तालमेल के तहत चार सीटों पर सहमति की बातें महज अटकल है। सीट शेय¨रग पर अंतिम फैसला झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व करेगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन इसका आधिकारिक एलान करेंगे। झामुमो के इस रुख से विपक्षी गठबंधन का सस्पेंस गहरा गया है।
शुक्रवार को इसे लेकर अंदरूनी दावे का दौर चलता रहा। विभिन्न दलों के रणनीतिकार हानि-लाभ को परखकर आकलन करते रहे। अटकलों का दौर भी चलता रहा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक वरीय नेता के मुताबिक कांग्रेस की जिद के कारण पिछली बार भी तालमेल नहीं हो पाया था। इस बार भी उसका रुख ज्यादा स्पष्ट नहीं है। अगर शुरूआत में अविश्वास बढ़ा तो आने वाले दिनों में परेशानी बढ़ सकती है।
गीता कोड़ा को पार्टी में शामिल करने की कांग्रेस की पहल से भी झारखंड मुक्ति मोर्चा असहज महसूस कर रहा है। इससे सिंहभूम लोकसभा सीट पर कोड़ा दंपत्ति की दावेदारी बढ़ सकती है जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा की निगाह भी इस सीट पर है। इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा दुमका, राजमहल, गिरिडीह और जमशेदपुर सीट भी अपने पाले में देखना चाहता है। आजसू पर भी कांग्रेस की निगाहें कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ गठबंधन तैयार करने की दिशा में काफी होमवर्क किया है। उसकी निगाह आजसू पर भी है।
कांग्रेस आलाकमान ने आजसू पार्टी की स्थिति को लेकर दल के नेताओं की भीतर चर्चा की है। सलाह दी गई है कि आजसू को साथ लेने से उसके जनाधार का फायदा मिलेगा। इससे झारखंड मुक्ति मोर्चा पर निर्भरता कम होगी। राहुल गांधी नवंबर में फिर करेंगे बैठक विपक्षी गठबंधन की कवायद त्योहार खत्म होने के बाद परवान पर होगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नवंबर में इसपर अंतिम फैसला लेने का मन बनाया है।
राजद का दावा तीन सीटों पर : पार्टियों के जनाधार के हिसाब से हो सीटों का बंटवारा लोकसभा चुनाव में राजद ने पलामू, चतरा और कोडरमा सीट पर दावा ठोका है। राजद के प्रधान महासचिव संजय कुमार सिंह यादव ने कहा कि राजद महागठबंधन के पक्ष में है, लेकिन उससे पहले महागठबंधन में शामिल दलों को हर पार्टी का क्षेत्रवार जनाधार को देखना होगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव हमेशा महागठबंधन के पक्षधर रहे हैं। झारखंड में भी महागठबंधन हो, इसकी शुरुआत उन्होंने ही की थी। प्रधान महासचिव ने कहा कि राजद पलामू, चतरा और कोडरमा सीट पर हर हाल में चुनाव लड़ेगा। यह हमारी परंपरागत सीट है। उन्होंने कहा कि जनता पार्टी, जनता दल से लेकर राजद तक इन सीटों पर राजद सबसे मजबूत रहा है। चतरा में जनता दल के टिकट पर उपेन्द्र वर्मा दो बार चुनाव जीत चुके हैं।
नागमणि दो बार चतरा से राजद के टिकट पर जीते हैं। धीरेंद्र अग्रवाल भी राजद के टिकट पर यहा से जीते हैं। काग्रेस और झाविमो का इस सीट पर दावा करना गलत है। कोडरमा में राजद का जनाधार सबसे ज्यादा है। अन्य पार्टियों की तुलना में राजद इस सीट पर सबसे मजबूत है। उन्होंने कहा कि बिहार में भी महागठबंधन हुआ था, उस समय पार्टियों के जनाधार के हिसाब से सीट का बंटवारा हुआ था। उसी फार्मूला को झारखंड में भी लागू किया जाए।