बगैर महिमामंडन व तामझाम के होगा नक्सलियों का आत्मसमर्पण Ranchi News
Jharkhand. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। डीजीपी व विशेष शाखा के एडीजी भी बैठक में मौजूद थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। किसी भी नक्सली के आत्मसमर्पण के वक्त उसे महिमामंडित नहीं किया जाएगा। बिना महिमामंडन व तामझाम के नक्सलियों का आत्मसमर्पण होगा। यह निर्णय गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया है। उक्त बैठक में डीजीपी कमल नयन चौबे व विशेष शाखा के एडीजी अजय कुमार सिंह भी मौजूद थे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति का ही परिणाम है कि ज्यादा संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और समाज की मुख्य धारा से जुड़े। इसी नीति के तहत कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन ने आत्मसमर्पण किया था। उसे पुलिस ने खास तरीके से आत्मसमर्पण कराया था, जिसका महिमामंडन किया गया था और इससे संबंधित खबरें भी प्रकाशित हुई थीं।
इसका विरोध भी हुआ था। खबरों के प्रकाशन के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। इस मामले में हाई कोर्ट से दिशा-निर्देश मिलने के बाद गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी व एडीजी विशेष शाखा ने संयुक्त रूप से आदेश जारी कर दिया है कि बिना तामझाम के महिमामंडित किए बगैर नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराया जाएगा।
ये निर्णय लिए गए
- किसी भी नक्सली का आत्मसमर्पण सामान्य तरीके से होगा। बिना किसी महिमामंडन/आकर्षक विज्ञापन व अनावश्यक तामझाम के पुनर्वास नीति के तहत होगा।
- प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास पैकेज के क्रियान्वयन ससमय होगा।
- किसी भी नक्सली का आत्मसमर्पण पुलिस व नक्सली के बीच गुप्त समझौता के तहत किसी भी स्थिति में नहीं होगा।
- आत्मसमर्पित नक्सली को पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधा में अगर विलंब होगा, तो इसका कारण स्पष्ट तरीके से बताना होगा, ताकि उसकी समीक्षा की जा सके। जो दोषी होंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
- किसी भी माध्यम से किसी आत्मसमर्पण के संबंध में विसंगति की सूचना मिलने पर उस घटना की जांच कर राज्य सरकार स्वत: संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई के लिए अनुशंसा करेगी।