दारोगा बहाली मामले में सुप्रीम कोर्ट का झारखंड सरकार को नोटिस Ranchi News
Jharkhand. अनमोल तिवारी की ओर से दाखिल एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया। याचिका में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। दारोगा बहाली मामले में अनमोल तिवारी की ओर से दाखिल एसएलपी (स्पेशल लीव पीटिशन) पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्यकांत की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब हाई कोर्ट के आदेश पर बर्खास्त किए गए 42 अभ्यर्थियों को नौकरी में बहाल किया जा सकता है, तो इनसे ज्यादा अंक लाने वालों को क्यों नहीं समाहित किया जा सकता है।
राज्य सरकार को इस पर विस्तृत जवाब 18 नवंबर से पहले शपथ पत्र के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करना है। दरअसल, अनमोल तिवारी ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। इसमें हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है।
प्रार्थी के अधिवक्ता अमित पवन ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट की खंडपीठ ने उनकी हस्तक्षेप याचिका को नहीं माना और बर्खास्त किए गए 42 लोगों को नियुक्ति करने का आदेश दिया था। इसी आदेश को चुनौती देते हुए गत 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई थी। इस पर सोमवार को सुनवाई हुई और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया है।
यह है मामला
राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में दारोगा, कंपनी कमांडर व सार्जेंट मेजर के पद पर नियुक्ति निकाली थी। इसमें चयन के बाद 42 अभ्यर्थियों को यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया गया था कि उनके आवेदन में त्रुटियां हैं। इसके बाद इन लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। एकलपीठ ने राज्य सरकार को इनको भविष्य की नौकरी में समायोजित करने का निर्देश दिया।
सरकार ने इसके खिलाफ खंडपीठ में अपील याचिका दाखिल की। लेकिन, खंडपीठ ने भी सरकार की याचिका को खारिज करते हुए 42 अभ्यर्थियों को बहाल करने का निर्देश दिया। हालांकि, इस दौरान इनसे ज्यादा अंक लाने वालों की हस्तक्षेप याचिका को भी हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।