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हनी ट्रैपः जानिए, आलिया के हुस्न के जाल में कैसे फंसे छात्र

हनी ट्रैप पर दोस्ती की आड़ में लड़कियां न सिर्फ जानकारी हासिल करती है बल्कि कई बार अहम दस्तावेज भी उनके हाथ लग जाते हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 24 Sep 2017 12:29 PM (IST)Updated: Sun, 24 Sep 2017 04:32 PM (IST)
हनी ट्रैपः जानिए, आलिया के हुस्न के जाल में कैसे फंसे छात्र

दिलीप कुमार, रांची। चुटिया निवासी भाजपा नेता मदन सिंह के बेटा शिवम सिंह सहित तीनों छात्र हनी ट्रैप के शिकार हुए थे। लड़की कोई और नहीं, बल्कि चुटिया निवासी मुकेश सिंह उर्फ खली की प्रेमिका पुंदाग निवासी आलिया थी। वह नागपुरी फिल्म की अभिनेत्री भी बताई जा रही है। आलिया ने ही अपने हुस्न का जलवा बिखेरा और तीनों छात्र उसके जाल में फंस गए। शिवम उम्र में आलिया से कहीं छोटा है।

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एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि आलिया के कहने पर ही तीनों छात्र पांच सितंबर को आल्टो कार से कटहल मोड़ गए थे, जहां आलिया के अपराधी साथियों ने तीनों को अगवा कर लिया था। घटना के पूर्व आलिया से शिवम की कई बार बातचीत भी हुई थी। अपहर्ता केवल शिवम को उठाना चाहते थे, लेकिन शिवम अपने दो अन्य साथियों के साथ पहुंचा तो विवश होकर अपहर्ताओं ने तीनों को उठाया। इसकी तैयारी पिछले छह माह से चल रही थी, ताकि मदन सिंह से मोटी रकम वसूली जा सके।

कटहल मोड़ पहुंचने पर आलिया ने ही कहा था कि वे रिंग रोड पर आ जाएं। उस दिन आलिया 25 से ज्यादा बार कॉल की थी। जैसे ही तीनों रिंग रोड पर पहुंचे, वहां सफेद रिट्ज व स्कार्पियो में अपहर्ता पहुंच गए और खुद को पुलिसवाला बताया। यह धमकी दी कि लड़की को परेशान करते हो, चलो बड़ा बाबू बुला रहा है। यह कहकर अपहर्ताओं ने उन्हें अपनी गाड़ी में बैठा लिया और उन्हें इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया और लेकर चाईबासा के गोइलकेरा चले गए।

कांग्रेस से चुनाव लड़ चुका है अशोक सुंडी :

अपहरण में गिरफ्तार कांग्रेस नेता अशोक सुंडी वर्ष 2014 में चाईबासा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुका है। अपहृत तीनों छात्रों को अशोक सुंडी के गोइलकेरा आड़ाहासा गांव स्थित घर में ही रखा गया था, जहां से पुलिस ने उन्हें मुक्त कराया। यह वह बीहड़ इलाका है, जहां कोबरा की आठ से नौ कंपनियां एक साथ जाती है। अपहर्ताओं को उम्मीद न थी कि पुलिस उन तक पहुंच पाएगी, लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोचने में सफलता हासिल की।

अपहर्ताओं ने परिजनों को किया तीन कॉल :

अपहर्ताओं ने परिजनों को तीन कॉल किया था। पहला कॉल छह सितंबर की सुबह मदन सिंह को किया था। दूसरा कॉल नौ सितंबर को और तीसरी बार 15 सितंबर को अभिषेक के बड़े भाई आयुष उर्फ शिंटू को कॉल किया गया था।

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