सतह पर झारखंड कांग्रेस की कलह, अब जमशेदपुर जिलाध्यक्ष पर मचा घमासान Ranchi News
जोनल कोर्डिनेटर केशव महतो कमलेश ने कहा बिना विश्वास में लिए प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कार्रवाई की है। प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह से इसकी शिकायत करूंगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस में घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। लोकसभा चुनाव में महज एक सीट पर दर्ज करनेवाली पार्टी में विरोध बढ़ता ही जा रहा है और अब दल के अपने ही लोग बेगानों की तरह कर रहे हैं। इस सिलसिले में नई कड़ी जमशेदपुर जिलाध्यक्ष के चयन के साथ जुड़ती दिख रही है। जिलाध्यक्ष के चयन पर जोनल कोर्डिनेटर केशव महतो कमलेश ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और इसको लेकर उन्होंने अध्यक्ष से सवाल भी किया है।
कमलेश ने पत्र लिखकर जानकारी मांगी और अब पूरे मामले को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन के सामने उठाने जा रहे हैं। दूसरी ओर, अध्यक्ष के समर्थकों ने दिल्ली मुख्यालय में अनुशासनहीन नेताओं के खिलाफ शिकायत कर रखी है जिसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जमशेदपुर में कुछ दिनों पूर्व विजय खां को जिला प्रभारी का दायित्व सौंप दिया गया है।
इस मामले में वहां के जोनल प्रभारी पूर्व मंत्री केशव महतो कमलेश ने मोर्चा खोल दिया है। उन्हें इसके पूर्व विश्वास में भी नहीं लिया गया और न ही विजय के चयन में उनकी सहमति है। इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से पत्राचार करने के बाद अब वे प्रदेश प्रभारी के समक्ष मोर्चा खोलने को तैयार है। कमलेश ने कहा कि प्रदेश संगठन ही जब नियमों की अवहेलना करेगा तो संगठन में अनुशासनहीनता बढ़ेगी ही। सभी जिलों में अध्यक्ष का चयन जोनल कोर्डिनेटर की अनुशंसा पर होता है।
ऐसे में जमशेदपुर में इस परिपाटी की अनदेखी जानबूझकर की गई है। कमलेश फिलहाल लखनऊ में हैं और लौटकर इस मुद्दे पर मोर्चा खोलेंगे। कोल्हान क्षेत्र से ही पूर्व विधायक बन्ना गुप्ता भी अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कांग्रेस के विक्षुब्ध नेताओं का यह भी कहना है कि जब प्रदेश अध्यक्ष अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं तो फिर किस आधार पर जिलों में कमेटियों का गठन कर रहे हैं।
दूसरी ओर, प्रदेश अध्यक्ष के करीबी लोगों ने भी मोर्चा खोल रखा है। सूत्र बताते हैं कि लगभग एक दर्जन नेताओं के खिलाफ कांग्रेस आलाकमान से शिकायत की गई है कि उन्होंने परिवार के हित में पार्टी का नुकसान कर दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट की दावेदारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयानों तक की जानकारी भेजी गई है। इस मामले में केंद्रीय अनुशासन समिति ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे प्रदेश नेतृत्व सकते में है।