उपचुनावः अब भाजपा की नजर सिल्ली व गोमिया पर, झामुमो को झटका देने की तैयारी
सिल्ली और गोमिया की जिन दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने है, वे दोनों पिछले चुनाव में झामुमो के खाते में गई थी।
राज्य ब्यूरो, रांची। निकाय चुनाव विपक्ष को झटका देने के बाद भाजपा की नजर झामुमो की दो विधानसभा सीटों पर है। सिल्ली और गोमिया की जिन दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने है, वे दोनों पिछले चुनाव में झामुमो के खाते में गई थी। भाजपा की सोच है कि उपचुनाव में इन दोनों सीटों पर जीत हासिल कर मुख्य विपक्षी दल झामुमो का मनोबल कुछ इस कदर तोड़ दिया जाए कि वे आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सिर न उठा सके। हालांकि सिल्ली और गोमिया की भाजपा की राह कुछ आसान नहीं है। सहयोगी दल आजसू इन दोनों ही सीटों पर प्रत्याशी देने का मन बना चुका है।
सिल्ली से आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो खुद चुनाव लड़ेंगे, जबकि गोमिया से आजसू विधायक दल के नेता चंद्रप्रकाश चौधरी के करीबी लंबोदर महतो। जून में संभावित उपचुनाव को लेकर आजसू के इन दोनों ही प्रत्याशियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, जबकि भाजपा ने अब तक इन सीटों पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। प्रदेश नेतृत्व इन दोनों सीटों पर प्रत्याशी देना है कि नहीं इसके मंथन में जुटा हुआ है। हालांकि भाजपा के रांची सांसद रामटहल चौधरी स्पष्ट कर चुके हैं कि भाजपा का दोनों सीटें आजसू के लिए छोड़ना ठीक नहीं होगा। पार्टी के स्तर पर भी तकरीबन यह तय हो गया है कि अगर आजसू के साथ गठबंधन खटाई में पड़ा तो भाजपा खुद दोनों सीटों पर खुद प्रत्याशी उतारेगी। 2014 के विधानसभा चुनाव में सिल्ली और गोमिया दोनों ही सीटों पर झामुमो ने जीत दर्ज की थी। कोर्ट से सजा पा चुके झामुमो के दोनों विधायकों की सदस्यता रद होने के कारण इस दोनों सीटों पर उपचुनाव की नौबत आई है।
2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा-आजसू गठबंधन के तहत सिल्ली से सुदेश महतो एनडीए उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे। उन्हें झामुमो के अमित कुमार ने बड़े अंतर से हराया था। गठबंधन धर्म के तहत इस सीट पर आजसू का स्वाभाविक दावा बनता है। वहीं, गोमिया में झामुमो के योगेंद्र प्रसाद ने तीस हजार से अधिक वोटों से भाजपा के माधवलाल सिंह को हराया था। इस सीट पर भाजपा की स्वाभाविक दावेदारी बनती है। गोमिया में आजसू के प्रत्याशी उतारने की सुगबुगाहट से भाजपा खेमे में हलचल है और कुछ उसी तर्ज पर भाजपा के संभावित दावेदारों ने सिल्ली में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। वहीं, गोमिया में भाजपा का दावा इस आधार पर बनता है कि 2014 में उसके उम्मीदवार यहां से दूसरे पायदान पर थे। गोमिया में माधवलाल सिंह के अलावा भाजपा से कुछ और दावेदार सक्रिय देखे जा रहे हैं।