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खेल जीवन में अनुशासनिक वातावरण विकसित करता है : द्रौपदी मुर्मू

रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड पुलिस की मेजबानी में शुरू हुए अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता में 17 राज्य और पांच केंद्रीय पुलिस संस्थान के 350 तीरंदाजों के बीच श्रेष्ठता की जंग शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 02:30 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 02:30 PM (IST)
खेल जीवन में अनुशासनिक वातावरण विकसित करता है : द्रौपदी मुर्मू

रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड पुलिस की मेजबानी में शुरू हुए अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता में 17 राज्य और पांच केंद्रीय पुलिस संस्थान के 350 तीरंदाजों के बीच श्रेष्ठता की जंग शुरू हो गई है। प्रतियोगिता का उद्घाटन जैप-1 परेड मैदान में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने गुब्बारे व कबूतर उड़ा कर किया। खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि खेल जीवन में अनुशासनिक वातावरण विकसित करता है। यह गर्व का विषय है कि प्रथम अखिल भारतीय तीरंदाजी चैंपियनशिप की मेजबानी 2012 में झारखंड ने ही की थी। 2016 में 5वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी चैंपियनशिप का आयोजन भी रांची में हुआ था और आज सातवीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी चैंपियनशिप का आयोजन भी रांची में हो रहा है। इस चैंपियनशिप में कुल 22 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित राज्यों की पुलिस एवं पारा मिलिट्री बलों से कुल 352 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीरंदाज भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं जानती हूं कि पुलिस कर्मियों की दिनचर्या काफी व्यस्त होती है, जो धैर्यपूर्वक नियम कानून का पालन करते हुये सदैव जनता के लिये समर्पित रहते हैं। उन्हें न केवल प्रतिक्षण-प्रतिपल विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, बल्कि भारी तनाव को भी झेलना पड़ता है। इन सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मीगण, न केवल समय निकाल कर खेल के प्रति अभिरूचि रखते हैं, बल्कि अपनी सक्रिय सहभागिता के साथ प्रतियोगिता में भाग भी लेते हैं और अपना कौशल दिखाते हैं। पुलिस विभाग मे खेलकूद के साथ ही साथ लक्ष्यात्मक प्रतियोगिता अत्यन्त ही आवश्यक हैं, जो शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ ही साथ चारित्रिक विकास भी करता है। जिससे एक अनुशासनिक वातावरण विकसित होता है और विषम परिस्थितियों में भी मुकाबला करने की हिम्मत देता है। तीरंदाजी की प्रतियोगिता ने हमारे देश को विश्व स्तर पर एक पहचान दी है जिसमें ज्योति कुमारी, झानू हंसदा की पहचान बनी है, जो इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतते रहे हैं। झारखंड में सशस्त्र बल के बटालियनों में अच्छे-अच्छे जिम खोले गए हैं और जिला पुलिस मुख्यालय में भी ऐसी व्यवस्था है। हमारी इच्छा है कि प्रत्येक जिला मुख्यालय एवं जैप में एक जैसी लक्ष्यात्मक व्यवस्था शीघ्र की जाए, ताकि सभी पुलिसकर्मी शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही साथ लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। उद्घाटन के मौके पर डीजीपी डीके पांडे भी उपस्थित थे।

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पहला सोना आइटीबीपी के बालाजी को :

होटवार के एकलव्य आर्चरी सेंटर फॉर एक्सीलेंस कैंपस (शूटिंग रेंज 3) में दो स्वर्ण का फैसला हुआ। पुरुष वर्ग के 90 मीटर रिकर्व में इंडियन तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आइटीबीपी) के बालाजी यादव ने स्वर्ण जीता। नागालैंड के लैमथूर ने रजत व पंजाब के हरजोत सिंह ने कांस्य पदक जीता। रिकर्व 70 मीटर में सीआरपीएफ के बसंत कुमार पहले, सीआरपीएफ के हुरदीप तिरिया दूसरे व बीएसएफ के चमन सिंह तीसरे स्थान पर रहे। कम्पाउंड स्पद्र्धा महिला वर्ग में 50मीटर में महाराष्ट्र की मोनाली जाधव, राजस्थान की सुप्रिया व पंजाब की राज कौर ने क्रमश: स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक जीता। 50मी.-2 में राजस्थान की दीपमाला, राजस्थान की सुप्रिया व महाराष्ट्र की मोनाली जाधव क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रही।


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