ऐसा है झारखंड का खेल महकमा, यहां पैसा नूरानी-प्रतिभा बेमानी; जानें पूरा मामला
खेल विभाग ने रांची जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में स्टेडियम तो निश्शुल्क उपलब्ध करा दिए पर खेल उपकरण देने के लिए तीन हजार रुपये की राशि बतौर शुल्क मांग की।
रांची, [संजीव रंजन]। अनिल कपूर और जैकी श्राफ की फिल्म 'काला बाजार' में एक गाने का बोल है '... भगवान के घर भी खोट चले, पूजा के लिए भी नोट चले ...। यही हाल है राज्य के खेल विभाग का। ग्रामीण इलाकों के प्रतिभावान खिलाडिय़ों के लिए खेल पूजा है और खेल विभाग किसी भगवान से कम नहीं। लेकिन, झारखंड का यही खेल विभाग शनिवार से होटवार में शुरू हुए दो दिवसीय रांची जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में स्टेडियम तो निश्शुल्क उपलब्ध करा दिए, पर खेल उपकरण देने के लिए तीन हजार रुपये की राशि बतौर शुल्क मांग की।
इसका परिणाम यह हुआ कि रांची जिला एथलेटिक्स संघ बच्चों को खेल उपकरण उपलब्ध नहीं करा पाई। खेल उपकरण के अभाव में पहले दिन सिर्फ दौड़ का ही आयोजन किया गया। हाई जंप व हर्डल रेस को मीट से हटा दिया गया। मात्र तीन हजार रुपये के कारण जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में भाग लेने आए ग्र्रामीण इलाकों के प्रतिभावान खिलाडिय़ों के उड़ान को बड़ा झटका लगा। पैसे की चमक के आगे प्रतिभा बेमानी हो गई।
बता दें कि दो दिवसीय जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में रांची जिले के लगभग तीन सौ बच्चे भाग ले रहे हैं। रांची जिला एथलेटिक्स संघ ने कहा कि 13 अगस्त को ही खेल विभाग को आवेदन देकर खेल उपकरण निश्शुल्क उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। लेकिन, प्रतियोगिता शुरू होने के दिन विभाग द्वारा पैसे की मांग किए जाने के बाद संघ ने खेल सामग्री नहीं ली और पहले दिन केवल दौड़ का आयोजन किया। आयोजकों ने बताया कि वे लोग कैश देने को तैयार हो गए थे। लेकिन, उन्हें कहा गया कि डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) लेकर आएं। यह बात दिन में करीब तीन बजे कहा गया और उस समय डीडी लाना संभव नहीं था।
क्लबों से मांगे खेल उपकरण
रांची जिला एथलेटिक्स संघ ने विभाग द्वारा खेल उपकरण नहीं दिए जाने के बाद क्लबों से खेल उपकरणों की व्यवस्था की है। कुछ खेल सामग्री रविवार की सुबह तक उपलब्ध हो जाएंगे। उसके बाद रांची जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट की अन्य स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी।
नहीं मिला प्रतिभा दिखाने का मौका
ग्र्रामीण इलाकों से आए खिलाडिय़ों ने कहा कि वे सब पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम में खेलने आए हैं। उन्हें उम्मीद थी कि यहां उन्हें उच्च स्तर के खेल उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे वे अपने प्रदर्शन में और निखार ला पाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
राज्य संघ व जेओए को निश्शुल्क दिया जाता है उपकरण
राज्य के खेल संघ व झारखंड ओलंपिक संघ (जेओए) को प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए खेल विभाग द्वारा निश्शुल्क उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अलावा जो भी आयोजन होता है, उसके लिए आयोजकों से मामूली रकम बतौर शुल्क लिया जाता है। जिला संघों व क्लबों के लिए भी यही नियम लागू होता है। वहीं, संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रतिभावान खिलाडिय़ों के लिए विभाग को मुफ्त में ही सामान देना चाहिए। जब तक सरकार खिलाडिय़ों को सहयोग नहीं करेगी, तब तक अच्छे खिलाड़ी कैसे निकलेंगे।
'खेल विभाग द्वारा हमें सामान नहीं दिया गया। अंतिम समय में पैसे की मांग की गई। वह भी डिमांड ड्राफ्ट से, जो उस समय देना संभव नहीं था। खिलाडिय़ों के खाने की व्यवस्था भी हम लोग किसी तरह ही कर पाते हैं। अब क्लबों से सामान लाकर स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा।' - प्रभाकर वर्मा, सचिव, रांची जिला एथलेटिक्स संघ।
अंकिता बनी फर्राटा चैंपियन
दो दिवसीय रांची जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट का उद्घाटन शनिवार को होटवार स्थित बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में झारखंड ओलंपिक संघ के वरीय उपाध्यक्ष अनिल कुमार जायसवाल व भाजपा नेता मुकेश मुक्ता ने किया। खेल उपकरण के अभाव में पहले दिन एक ही स्पर्धा का आयोजन हुआ। अंडर-14 बालिका 100 मीटर दौड़ में डे बोर्डिंग सेंटर नवांटांड़ की अंकिता कुजूर पहले स्थान पर रही। होटवार एथलेटिक्स सेंटर की शुभा कच्छप दूसरे व नवांटांड़ की आशा नाग तीसरे स्थान पर आईं।