Coronavirus Update: जहां-तहां थूकने से कोरोना संक्रमण का खतरा, तंबाकू-गुटखा पर लगेगा प्रतिबंध
Coronavirus Update झारखंड के 38.9 फीसद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। केंद्र सरकार ने कोरोना को लेकर तंबाकू गुटखा पर रोक के लिए एडवाइजरी जारी की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। तंबाकू (खैनी), गुटखा और पान मसाले से भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है। जी हां! इसके सेवन के बाद जहां-तहां थूकने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। झारखंड के लिए यह अधिक खतरनाक है, क्योंकि यहां के 38.9 फीसद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। भारत सरकार ने भी इसे लेकर अलर्ट करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर इसका प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने लोगों से अपील की है कि वे तंबाकू का सेवन न करें और न ही सार्वजनिक स्थानों पर थूकें।
देश के इस शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान ने कहा है कि तंबाकू उत्पादों (गुटखा, पान मसाला तंबाकू के साथ, पान और अन्य चबाने वाले तंबाकू उत्पाद) और सुपारी लार के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिसके बाद थूकने की बहुत तीव्र इच्छा होती है। आइसीएमआर के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से कोरोना और भी फैल सकता है। इसलिए महामारी के बढ़ते खतरे के मद्देनजर लोग तंबाकू उत्पादों के सेवन और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करें।
पूर्ण प्रतिबंध लगाने की जरूरत
तंबाकू नियंत्रण में राज्य सरकार को तकनीकी सहयोग देने वाली संस्था सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने भी कोरोना को लेकर तंबाकू और गुटखा के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अनुसंशा राज्य सरकार से की है। उनके अनुसार, राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर इसका प्रतिबंध तो है, लेकिन इसे सख्ती से लागू कराने की आवश्यकता है।
कोरोना सुधरने का भी दे रहा मौका
कोरोना का भय और लॉकडाउन तंबाकू और गुटखा के शौकीनों को इसे छोडऩे का मौका भी दे रहा है। लॉकडाउन लागू होने के कारण लोगों को तंबाकू और गुटखा आसानी से तो नहीं मिल रहा है, लेकिन गलियों में चल रही किराना दुकानों में इसकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है।
फैक्ट फाइल
- झारखंड में 38.9 फीसद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं।
- तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में अधिसंख्य 15 से 49 साल आयु वर्ग के हैं।
- 40 फीसद कैंसर तंबाकू से होता है। इनमें से 82-90 फीसद ओरल कैंसर होते हैं।