सात समंदर पार अमेरिका में बढ़ रही एकल अभियान की धमक
इसके काम को समझने अमेरिका से झारखंड आईं सॉफ्टवेयर इंजीनियर मालविका कर्णन व उनकी बेटी।
इसके काम को समझने अमेरिका से झारखंड आईं सॉफ्टवेयर इंजीनियर मालविका कर्णन व उनकी बेटी -परिवार के साथ 20 वषरें से रह रही ओरलैंडो में
-बोली, संघ परिवार में इतना काम होता है, लोगों को पता ही नहीं संजय कुमार, राची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुषागिक संगठन एकल अभियान की धमक अमेरिका में लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि वहा के लोग लगातार संघ के एकल अभियान से न केवल जुड़ रहे हैं बल्कि खुलकर इसमें सहयोग भी कर रहे हैं।
इसकी बानगी तब मिली जब बीते दिनों अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मालविका कर्णन एकल अभियान के काम व उसकी संरचना को देखने-समझने के लिए झारखंड आईं। उनके साथ 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली उनकी बेटी शुभा भी थी।
दोनों छह जुलाई को राची आई, यहा से पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर स्थित करंजो में चल रहे एकल अभियान के कामों को देखने के लिए गईं। वहा से वापस लौटने के बाद रांची में दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में उन लोगों ने कहा कि अब समझ में आया कि भारत में एकल अभियान क्या और कितने महत्वपूर्ण काम कर रहा है।
उन लोगों ने कहा कि पहले तो उन्हें केवल विद्यालय चलाने की ही जानकारी मिली थी। लेकिन, यहा आकर देखा तो पता चला कि यह संगठन बच्चों, किसानों, महिलाओं यानी सब के लिए कुछ न कुछ काम कर रहा है। इन्हीं कामों के बल पर एक नया भारत बन सकता है। 20 साल से रह रहीं ओरलैंडो में मालविका अपने परिवार के साथ पिछले 20 वर्षो से अमेरिका के विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक ओरलैंडो में रह रही हैं। वहा वे आरएसएस से जुड़े लोगों के संपर्क में आईं। इसके बाद एकल फाउंडेशन से जुड़ीं। बेटी भी करती है एकल को मदद
मालविका की बेटी शुभा वहा 12वीं कक्षा में पढ़ती है। साथ ही वह वहा आर्ट्स क्लासेस भी चलाती है। उससे जो भी राशि जमा होती है शुभा उसे एकल अभियान के कामों के लिए दे देती है। संघ परिवार समाज एवं राष्ट्र के विकास के लिए कर रहा बड़ा काम मालविका ने कहा कि झारखंड में संघ के कामों को देखने के बाद लगा कि यहा काम बढ़ाने के लिए एकल अभियान को और मदद की जरूरत है। अमेरिका लौटने के बाद वे वहा रह रहे भारतीय मूल के लोगों को बताएंगी कि कैसे आरएसएस से जुड़े लोग समाज के बीच में रहकर समाज के लिए काम कर रहे हैं।
एकल अभियान उसमें बड़ा माध्यम है। उन्होंने कहा कि आज भी लोगों को पता नहीं है कि संघ परिवार समाज एवं राष्ट्र के विकास के लिए कितना बड़ा काम कर रहा है। ओबामा की सलाहकार सोनल शाह भी आ चुकी हैं एकल को देखने राची एकल अभियान की ग्रामोत्थान योजना के केंद्रीय प्रमुख ललन शर्मा ने कहा कि एकल अभियान के तहत गरीब बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ किसानों को जैविक कृषि के लिए प्रशिक्षण, गो पालन, महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई, कढ़ाई का प्रशिक्षण एवं ग्रामीणों को कंप्यूटर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है।
इस काम को देखने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सलाहकार रही सोनल साह भी राची आ चुकी हैं। उन्होंने दो दिनों तक झारखंड में चल रहे एकल के प्रकल्पों को देखा था। वह आज भी इस संगठन से जुड़ी हैं और अमेरिका में लोगों को जोड़ रही हैं।