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15 वर्षीय अंतरिक्ष रिसर्चर नमन ने कहा, कल्‍पनाओं से परे है स्काई एंड स्टार्स की दुनिया

टेड-एक्स कांके रांची के तत्वावधान में स्पेस आधारित विषय पर वेबिनार का आयोजन रविवार को किया गया। वेबिनार का विषय डेमोक्रेटाइजिंग स्पेस यानी लोकतांत्रिक अंतरिक्ष रहा। वेबिनार का संचालन टेड-एक्स के क्यूरेटर राजीव गुप्ता ने किया।वेबिनार के मुख्य वक्ता के रूप में15 वर्षीय नमन वाजपेयी शामिल हुए।

By Brajesh MishraEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 04:33 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 04:33 PM (IST)
15 वर्षीय अंतरिक्ष रिसर्चर नमन ने कहा, कल्‍पनाओं से परे है स्काई एंड स्टार्स की दुनिया
टेड-एक्स कांके रांची के तत्वावधान में स्पेस आधारित विषय पर वेबिनार का आयोजन हुआ।

 रांची, जासं। टेड-एक्स कांके रांची के तत्वावधान में स्पेस आधारित विषय पर वेबिनार का आयोजन रविवार को किया गया। वेबिनार का विषय डेमोक्रेटाइजिंग स्पेस यानी लोकतांत्रिक अंतरिक्ष रहा। वेबिनार का संचालन टेड-एक्स के क्यूरेटर राजीव गुप्ता ने किया। वेबिनार के मुख्य वक्ता के रूप में15 वर्षीय नमन वाजपेयी शामिल हुए। उसके स्कूल का नाम एटोमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल 4, भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान, अणुशक्ति नगर, मुंबई है और इसी वर्ष 2021 में सीबीएसई बोर्ड से दसवीं की परीक्षा पास किया है। नमन बाजपेयी, मात्र 15 वर्ष के उम्र में ही डायनेमिक रॉकेट्री कंपनी के संस्थापक हैं। इनका सपना अंतरिक्ष को डेमोक्रेटाइज करना है। अंतरिक्ष पर रिसर्च कर रहे नमन ने कहा कि उनकी टीम कई परियोजनाओं पर काम कर रही है। जिसमें फार्म सैट, स्टारबस व हॉक रॉकेट शृंखला मुख्य है। फार्म सैट पर्यावरण में परिवर्तन की सटीक भविष्यवाणी, स्टारबस उपग्रह के रखरखाव व मरम्मत, हॉक रॉकेट पुनः इस्तेमाल होनेवाली रॉकेट श्रृंखला है।

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नमन ने बताया कि स्काई एंड स्टार्स की दुनिया कल्‍पनाओं से परे है। जब वह 12-13 साल के थे, तब स्काई एंड स्टार्स पर मोहित हो गए थे। उनका जिज्ञासु मन इसके बारे में और जानने के लिए उत्सुक था। जानकारी के लिए इंटरनेट व अन्य साधनों का सहारा लिया। आज इस विषय पर उनकी जानकारी इतनी समृद्ध हो चुकी है कि वे अंतरिक्ष और ब्रह्मांड के बारे में जानकारी साझा करने में जुटे हैं। उनकी टीम में लगभग 25 छात्र हैं, सभी मूल रूप से स्कूल स्टूडेंट्स है।

नमन ने कहा कि अंतरिक्ष की अपार संभावनाओं का पता लगाना ही उनका उद्द्देश्य है। सभी के लिए अंतरिक्ष का लोकतंत्रीकरण करना जरूरी है। डेमोक्रेटाइजिंग स्पेस की इस नई अवधारणा पर अंतरिक्ष अनुसंधान जारी है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपार संभावनाएं और अवसर हैं। नमन ने कहा कि अंतरिक्ष उद्योग फिलहाल कुछ मुट्ठी भर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और निजी कंपनियों का वर्चस्व है।  500 अरब डॉलर के अंतरिक्ष उद्योग में सार्वजनिक क्षेत्र 79 प्रतिशत व निजी क्षेत्र की भागीदारी 21 प्रतिशत के आसपास है। कंपनियों के इस प्रभुत्व के पीछे की वजह है उच्च परिचालन लागत। इस प्रभुत्व को खत्म करने के लिए नई सुविधाओं का निर्माण, लागत में कमी व बच्चों में अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा विकसित करना आवश्यक है। नमन ने स्पेसवॉक, अंतरिक्ष मलबा व अंतरिक्ष में करियर पर भी अपनी बात कही। नमन ने यह भी कहा कि उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई है। इसरो की नई अंतरिक्ष नीति के चलते कई नई कंपनियों ने लागत घटाने पर काम करना शुरू कर दिया है।  इससे एक अंतरिक्ष तक नई दौड़ का निर्माण हो रहा है, जो मानव जाति के लिए वरदान साबित होगा।

वेबिनार में पंकज, विष्णु नायर, अंकित त्रिपाठी, कैलाश मांझी, श्रीवास्तव, अक्षन चंद्र ने नमन से अंतरिक्ष से संबंधित प्रश्न पूछे। वेबिनार को सफल बनाने में कनिष्क पोद्दार, बिजेंद्र शर्मा, शुभम शर्मा, गौरव कुमार, कैलाश मांझी, शिवांगी चौधरी, चंद्र मोहन चुग, प्रवीण राजगढ़िया, युवराज आनंद, रोहित त्रिपाठी का योगदान रहा।


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