खेतों तक पहुंचेगी प्रयोगशाला, तैयार हो रहे मिट्टी के डॉक्टर Ranchi News
Jharkhand. खेतों की सेहत सुधारने के लिए सरकार मिट्टी के डॉक्टर तैयार कर रही है। रांची व हजारीबाग के डेमोटांड में मृदा परीक्षण करने वालों डॉक्टरों का पहला बैच शुरू हो गया है।
रांची/हजारीबाग, जेएनएन। खेतों की सेहत सुधारने व किसानों की मेहनत का पूरा लाभ दिलाने के लिए सरकार मिट्टी के डॉक्टर तैयार कर रही है। मंगलवार से रांची के नगड़ी व हजारीबाग के डेमोटांड स्थित प्रशिक्षण केंद्र में मृदा परीक्षण करने वालों डॉक्टरों का पहला बैच शुरू हो गया है। इसमें चार जिलों के 80 युवाओं को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्यस्तरीय भूमि संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र डेमोटाड़ में हजारीबाग व पलामू के 40 मिट्टी के डॉक्टर तैयार हो रहे हैं।
वहीं रांची के नगड़ी स्थित प्रशिक्षण केंद्र में रांची के 35 व खूंटी के 5 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। रांची और हजारीबाग केंद्र पर प्रशिक्षण ले रहे भविष्य के इन मिट्टी के डॉक्टरों कोप्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनर के साथ किट जांच के लिए उपलब्ध कराया गया है। हजारीबाग में पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन जैसमीन सभागार में उप निदेशक जैसमीन सह प्रशिक्षण केंद्र संतोष कुमार ने किया। प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की न्यूनतम योग्यता इंटर विज्ञान है। इनमें कई कृषक मित्र तो विज्ञान से स्नातक छात्र हैं जो पंचायत स्तर से चयनित होकर आए हैं। रांची में 14 व हजारीबाग में दस जिलों का प्रशिक्षण होना है।
लगाना पड़ता था जिला का चक्कर, पांच माह में भी जांच पूरी नहीं
मृदा जांच के लिए पूर्व में किसानों को प्रखंड व जिला मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था। मिट्टी जांच के लिए उन्हें महीनों का समय भी लगता था। सरकार ने इस दिशा में इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए पंचायत स्तर पर मृदा जांच केंद्र तैयार किया है। जहां किसान को ससमय मिट्टी जांच कर उन्हें इसके इलाज के बारे में बताया जाएगा। इससे किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावर प्राप्त हो सकेगी।
जीपीएस रखेगी मशीन पर नजर
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि आपके कार्य और मशीन के संचालन पर जीपीएस से नजर रखा जाएगा। आपकी मशीन ऑन होते ही सर्वर से जुड़ कर उसका लोकेशन बता देगा। किसानों की मृदा जांच पंजीयन भी इसी मशीन के द्वारा होगा।
किसानों के मृदा की जांच और जांच कर्ता को मिलेगा रोजगार
जैसमीन के उप निदेशक ने बताया कि पंचायत स्तर पर जांच केंद्र बन जाने से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। वहीं जांचकर्ता को रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि एक पंचायत में जोत और खेत की संख्या बड़ी संख्या मेंं होती है। ऐसे में किसानों का निश्शुल्क मृदा जांच होगा और मृदा जांच के बदले जांच कर्ता को जिला कृषि कार्यालय की ओर से प्रति जांच पैसे भी मिलेंगे।
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