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रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर सोकपिट बना घर का गंदा पानी डाला तो होगी कार्रवाई

रांची रांची नगर निगम रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर सख्ती बरतने जा रहा है। शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर सोक पिट बना घर का गंदा पानी डाला तो कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 01:58 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 09:24 AM (IST)
रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर सोकपिट बना घर का गंदा पानी डाला तो होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, रांची : रांची नगर निगम रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर सख्ती बरतने जा रहा है। शहर में जिन लोगों ने रेनवाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर सोकपिट बनाकर घर का गंदा पानी डाला है उन पर कार्रवाई की जाएगी। जुमार्ने के तहत उनसे डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स वसूला जाएगा। मंगलवार को नगर निगम की राजस्व शाखा की समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त मनोज कुमार ने ये निर्देश दिए। बैठक में ये बात सामने आई कि तीन हजार वर्गफीट से अधिक वाले कुछ प्लॉट एरिया में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जगह सोकपिट बनाया गया है। उनमें छत का पानी तो जा ही रहा है, घर का गंदा पानी भी गिराया जा रहा है।

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अगले 10 दिनों में मिलेगी फाइनल रिपोर्ट : बैठक में बताया गया कि रांची में 1826 अपार्टमेंटों का सर्वे पूरा हो चुका है। इसमें 80 फीसद में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना है। समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त ने इस पर चर्चा की। मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट हेड ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में 2,500 अपार्टमेंट हैं। इनमें से 1826 अपार्टमेंटों का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। 80 फीसद अपार्टमेंटों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण भी कराया गया है। मात्र 20 फीसद अपार्टमेंट ही ऐसे हैं, जिनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना का निर्माण नहीं कराया गया है। आगामी 10 दिनों में 2,500 अपार्टमेंट का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि निगम के टैक्स कलेक्टर और स्पैरो सॉफ्टेक के कर्मी को मिलाकर सर्वे करने को एक टीम बनायी गई है। ये टीम अगले 10 दिनों के बाद होनेवाली बैठक में अपनी फाइनल रिपोर्ट देगी। सरकारी भवनों ने होल्िडग टैक्स नहीं जमा किया तो होंगे सील : वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए रांची नगर निगम ने होल्डिंग टैक्स से 70 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। बैठक में सरकारी भवनों से मिलने वाले होल्डिंग टैक्स को काफी कम पाया गया। नगर आयुक्त ने कहा कि जिन सरकारी भवनों पर टैक्स बकाया है उन्हें नोटिस भेजें। फिर भी टैक्स जमा नहीं किया तो ऐसे भवनों को सील किया जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2018-19 में लक्ष्य से अधिक होल्डिंग टैक्स (47.41 करोड़) की वसूली के लिए उन्होंने पूरी टीम को धन्यवाद दिया। मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि अप्रैल में होल्डिंग टैक्स से 10 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है। नगर आयुक्त ने एजेंसी को निर्देश दिया कि इस वित्तीय वर्ष में नए होल्डिंग पर फोकस करें।

ट्रेड लाइसेंस की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि अब तक 21 हजार दुकानों को ट्रेड लाइसेंस दिया गया है जो कम है। इस वित्तीय वर्ष में ट्रेड लाइसेंस वाले दुकानों की संख्या कम से कम 50 हजार करें। बैठक में सहायक नगर आयुक्त रजनीश कुमार, राजस्व शाखा की नगर प्रबंधक फरहत अनीसी, शाखा प्रभारी नेयाज अहमद समेत कई टैक्स कलेक्टर्स उपस्थित थे।

सरकारी भवनों से नगर निगम को नहीं मिल रहा होल्डिंग टैक्स

समीक्षा बैठक के दौरान नगर आयुक्त ने कहा कि सरकारी भवनों से नगर निगम को प्रतिवर्ष महज तीन-चार करोड़ रुपये ही होल्डिंग टैक्स के रूप में मिल रहे हैं। जबकि आकलन के अनुसार प्रतिवर्ष 20-22 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने राजस्व शाखा के अधिकारी को निर्देश दिया कि संबंधित भवनों को बकाए होल्डिंग टैक्स का डिमांड नोटिस व बकाए का भुगतान नहीं करने वालों पर झारखंड नगरपालिका अधिनियम के तहत की जाने वाली कार्रवाई की कॉपी भी भेजें। कार्रवाई के तहत संबंधित भवनों को सील करने के साथ-साथ उनके बैंक खाते भी फ्रिज किए जा सकते हैं।

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