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राची का सबसे छोटा पंडाल बना पूजा कर रहा सुशात

पक्के इरादे के बदौलत खुद से पंडाल बना कर सुशात पूजा करता है। इसकी बनाई मूर्ति और पंडाल चर्चा का विषय बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 07:25 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 07:25 PM (IST)
राची का सबसे छोटा पंडाल बना पूजा कर रहा सुशात

जासं, राची: जहा एक तरफ शहर में एक से बढ़कर एक भव्य और विशालकाय पंडाल चर्चा का विषय बने हुए हैं वहीं दूसरी तरफ सुशात उराव चर्चा का विषय बना हुआ है। राजधानी में 2 देशों और 7 राज्यों से आये कलाकार अपनी कलाकारी का लोहा मनवा रहे हैं। शहर के कई पंडालों में 51 शक्तिपीठ के दर्शन हो रहे हैं। एक ओर राची की सबसे महंगी पंडाल बकरी बाजार में 45 लाख रूपये से ऊपर के लागत में बनी हैं वही राची के पंडालों में सबसे बड़ी अष्टभुजा देवी दुर्गा की प्रतिमा हरमू के कल्पना लोक में 40 फ़ीट की बनी है। शहर से लेकर गावों में दुर्गा पूजा बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही है।

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इनसे हटकर आकर्षण का विषय राची का सबसे छोटा पंडाल बनाने का श्रेय एक छोटे से बालक सुशात उरांव को दिया जा सकता है। सच्ची श्रद्धा और समर्पण का इससे अच्छा उदहारण क्या हो सकता है की राची पहाड़ी टोला निवासी यह बालक आख बंद कर देवी की प्रतिमा बना सकता है। वह कभी स्कूल नहीं गया लेकिन मा सरस्वती की प्रतिमा खुद बना कर पूजा करता है। इन दिनों इसके द्वारा बनाया गया देवी दुर्गा का सबसे छोटा पंडाल चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले 3 वषरें से वह हर पूजा में किसी न किसी देवी-देवता की प्रतिमा और पंडाल जरूर बनाता है और अपने फोन में यूट्यूब से भक्ति गीत बजा कर आराधना करता है। कम लागत पंडाल और प्रतिमा के निर्माण में सुशात के लिए बाधा नहीं बनती क्योंकि वह अपने दुकान से इसका इंतजाम कर लेता है। अपने दम पर कुछ अलग करने को प्रेरित करता यह नन्हा बालक बुलंद हौसले के बदौलत मशहूर हो गया है। इसके पंडाल और कलाकारी को देखने के लिए दूर दूर से लोग पहुंचते हैं।


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