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रिम्स में कॉर्निया ट्रांसप्लांट, सीता की आंखों को मिली नई रोशनी

रांची रिम्स में एक बार फिर से में कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया। चिकित्सकों ने लोहरदगा की रहनेवाली सीता को नई रौशनी दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 02:17 AM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:33 AM (IST)
रिम्स में कॉर्निया ट्रांसप्लांट, सीता की आंखों को मिली नई रोशनी
रिम्स में कॉर्निया ट्रांसप्लांट, सीता की आंखों को मिली नई रोशनी

जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स में एक बार फिर से में कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया। चिकित्सकों की टीम 13 वर्षीय लड़की सीता कुमारी की सफल सर्जरी कर उसके आंखों को नई रोशनी दी। डॉ. सुनील की टीम ने बुधवार को कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया। मरीज के दायी आखों का ट्रांसप्लांट किया गया। उसके दायीं आंखों में रोशनी थी। चिकित्सकों के अनुसार, प्रदीप कुमार की कॉर्निया लड़की की आंकों में इंप्लाट की गई है। प्रदीप को ब्रेन डेड घोषित किया गया था। ब्रेन डेड होने के बाद रिम्स के नेत्र विभाग के आई बैंक की टीम ने संपर्क किया। ऑपरेशन में डॉ सुनील कुमार के अलावा डॉ शिल्पी दुबे, डॉ मृणाल सिंह व डॉ संजय कुमार ने सहयोग किया।

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डॉ. सुशील ने बताया कि बच्ची को एक सप्ताह तक निगरानी में रखा जाएगा। इसके बाद उसको छुट्टी दे दी जायेगी। पूर्व स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने शुरू कराया था। कॉर्निया इंप्लाट रिम्स में कॉर्निया ट्रासप्लाट की शुरुआत पूर्व स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने शुरू करायी थी। अब तक रिम्स में पाच से ज्यादा नेत्र प्रत्यारोपण किया जा चुका है। इस मौके पर ऑप्थैलमिक प्रेम प्रकाश, चंदन कुमार व अभिमन्यु कुमार ने अहम भूमिका निभाई।

चार मूक-बधिर मरीजों को मिली सुनने व बोलने की शक्ति

रिम्स के ईएनटी रोग विभाग द्वारा एक बार फिर चार मरीजों को कॉक्लियर इंप्लांट लगाया गया। यानि मूकबधिर मरीज अब बोल और सुन सकेंगे। रामगढ़ की पाच वर्षीय आलिया फिरदौस व तीन साल की अनन्या कुमारी, काके राची के साढ़े तीन साल के रेहान अली व ढ़ाई साल के प्रियाशु की सफल सर्जरी की गई। सर्जरी निश्शुल्क की गई। ऑपरेशन 28 व 29 मार्च को किया गया था। यह सफल सर्जरी अहमदाबाद से आए डॉ. राजेश कुमार के निर्देशन में की गई है। सर्जरी में इएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ. पीके सिंह, डॉ. संदीप कुमार, डॉ बीके सिन्हा, डॉ. आरके पाडेय, डॉ चंद्रकाति बिरुआ, डॉ राजेश चौधरी व डॉ जाहिद एम खान द्वारा की गई।

डॉ. पीके सिंह ने बताया कि पहले भी कई मरीजों की सर्जरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि डॉ. विश्वकर्मा कोकलर इंप्लाट के विशेषज्ञ है और पूरे देश में मूक-बधिर के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना के तहत इंप्लाट लगाते है। ऑपरेशन में सीनियर रेजीडेंट डॉ निभा निहारिका कुमार, डॉ रचना प्रसाद, डॉ ऑलेख का योगदान रहा। कुछ महीने के बाद मरीज को स्पीच थेरेपी का सहारा लेना पड़ेगा।


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