कोरोना के कारण बड़े पर्दे पर लटका है ताला, अब खंडहर में तब्दील होने लगे हैं सिनेमाघर Lohardaga News
Side Effects of Coronavirus सिनेमाघर बंद होने से कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। लोहरदगा में पहले दंगा के कारण बड़े पर्दे पर ताला लटका। अब साल के शुरुआती महीने से ही बंद है।
लोहरदगा, [राकेश कुमार सिन्हा]। कोविड 19 महामारी के कारण बड़े पर्दे पर ताला लगा दिया गया है। कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले, इसलिए सिनेमाघर बंद पड़े हुए हैं। लोहरदगा जिले में पहले दंगा और उसके बाद कोरोना वायरस की वजह से सरकार के निर्देश पर सिनेमा हॉल बंद कर दिए गए हैं। इसके खुलने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। कोरोना का संक्रमण जब शुरू हुआ, उसके बाद से सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन नहीं हो पाया है।
टीवी और मोबाइल से ही लोगों को मनोरंजन के लिए काम चलाना पड़ रहा है। बड़े पर्दे पर फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने से दर्शक काफी निराश हैं। सालों या कहें कि पीढ़ियों से बड़े पर्दे में रिलीज हो रही फिल्में आजकल ऑनलाइन रिलीज हो रही हैं। इससे लोग अपने पसंदीदा अभिनेता और अभिनेत्रियों की फिल्म मोबाइल पर ही देखने को विवश हैं।
ओटीटी प्लेटफॉर्म हुआ ज्यादा लोकप्रिय
सिनेमा हॉल के बंद होने से ओटीटी प्लेटफॉर्म ज्यादा लोकप्रिय हो गया है। खासकर युवाओं में ओटीटी प्लेटफॉर्म को पसंद किया जा रहा है। फर्स्ट डे फर्स्ट शो की इच्छुक लोग ऑनलाइन रिलीज के साथ ही फिल्म, वेब सीरीज आदि देखना पसंद कर रहे हैं। इससे अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म को एक दिशा मिलती नजर आ रही है। इसका भी असर सिनेमा हॉल पर आने वाले दिनों में पड़ने की संभावना है। इससे सिनेमाघरों में काम करने वाले लोगों के रोजगार पर भी असर पड़ेगा।
कर्मचारियों का पेट पालना भी हो गया मुश्किल
सिनेमा हॉल जब से बंद हुए हैं, उसके बाद से वहां काम करने वाले कर्मचारियों का पेट पालना भी मुश्किल हो चुका है। लोहरदगा में मेनका और अलका दो सिनेमा हॉल का संचालन पिछले कई दशकों से हो रहा था। जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ, उसके बाद दोनों सिनेमा हॉल में ताला लटक गया है। ऐसे में सिनेमाघर के कर्मचारियों को भी मानदेय मिलना मुश्किल हो रहा है। वर्तमान हालात की वजह से सिनेमा हॉल का संचालन संभव नहीं है। कर्मचारियों के पास रोजगार का अभाव साफ तौर पर नजर आ रहा है। सिनेमा हॉल बंद होने से कई परिवारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है।
खंडहर में तब्दील होने लगे सिनेमा हॉल
वर्तमान समय में सिनेमा हॉल खंडहर में तब्दील होते नजर आ रहे हैं। पिछले कई महीनों से सिनेमा हॉल का ताला तक नहीं खुला है। सिनेमा हॉल परिसर में बड़े-बड़े घास उग आए हैं। ऐसा लग रहा है, जैसे सिनेमा हॉल हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। दर्शकों को भी इंतजार है कि सिनेमा हॉल खुले और बड़े पर्दे पर वह फिल्म का आनंद ले सकें। सिनेमा हॉल की हालत बदहाल हो चुकी है। उसे मेंटेन रखना भी मुश्किल हो रहा है। महीनों से सिनेमा हॉल के बंद होने से कई परिवारों की रोजी-रोटी की परेशानी बढ़ गई है।