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झारखंड समेत पूरे देश में 14 द‍िसंबर को गीता जयंती पर एक साथ निकलेगा शौर्य संचलन

पहली बार पूर्ण गणवेश में बजरंग दल के कार्यकर्ता पथ संचलन में होंगे शामिल। कार्यक्रम की तैयारी झारखंड में भी चल रही है। इस कार्यक्रम को लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ता उत्‍साह‍ित नजर आ रहे हैं। गीता जयंती के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने पराक्रम का संदेश दिया था।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 05:30 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 05:30 AM (IST)
झारखंड समेत पूरे देश में 14 द‍िसंबर को गीता जयंती पर एक साथ निकलेगा शौर्य संचलन
बजरंग दल के कार्यकर्ता पथ संचलन के दौरान पूर्ण गणवेश में रहेंगे। जागरण

रांची, (संजय कुमार) : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल की ओर से गीता जयंती के दिन 14 दिसंबर को पूरे देश में एक साथ शौर्य संचलन निकाला जाएगा। इससे इतर जिला स्तर पर संबंधित कार्यक्रम स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 12 से 19 दिसंबर के बीच भी निकाले जाएंगे। ऐसा पहली बार होगा, जब बजरंग दल के कार्यकर्ता पथ संचलन निकालेंगे और पूर्ण गणवेश में रहेंगे। इस संचलन को विहिप और बजरंग दल ने शौर्य संचलन नाम दिया है। शौर्य संचलन में शामिल कार्यकर्ताओं के लिए गणवेश में ट्रैकशूट, काला जूता, ध्वजयुक्त दंड और कंधे पर बजरंग दल का पïट्टा रहेगा। विहिप के झारखंड-बिहार के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू ने कहा कि बजरंग दल का गठन अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए निकाली गई राम-जानकी रथ यात्रा की रक्षा के लिए किया गया था। अब जबकि राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, इसी खुशी में इस बार शौर्य संचलन निकाला जा रहा है। इस संचलन में ह‍िंंदू समाज के लोगों से भी शामिल होने की अपील की गई है।

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भारत माता के माथे से हटा था कलंक

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि गीता जयंती के दिन ही 1992 में कार सेवा कर भारत माता के माथे से कलंक हटाया गया था। उस समय से बजरंग दल के कार्यकर्ता गीता जयंती के दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। कार्यक्रम तो प्रतिवर्ष आयोजित होता है। इस बार राम मंदिर निर्माण के लिए चलाए गए निधि समर्पण अभियान के समय देश के लाखों लोग विहिप और बजरंग दल के साथ जुड़े थे। उन युवा शक्ति को राष्ट्रधर्म के कार्य से जोडऩे के लिए इस बार एक ही दिन पूरे देश में शौर्य संचलन निकालने का निर्णय लिया गया है।

गीता जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पराक्रम का दिया था संदेश

केशव राजू ने कहा कि गीता जयंती के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने पराक्रम का संदेश दिया था। बजरंग दल के कार्यकर्ता अपने पराक्रम का उपयोग ङ्क्षहदू समाज की रक्षा में करते हैं। इसलिए प्रति वर्ष गीता जयंती के दिन को शौर्य दिवस का आयोजन होता है। उस दिन धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने का सभी संकल्प भी लेते हैं। विहिप के एक पदाधिकारी ने तो यहां तक कहा कि राम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर निर्माण केबाद बजरंग दल के कार्यकर्ता अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की मुक्ति के लिए अभियान चला सकते हैं।


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