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शहीद जयप्रकाश उरांव का राजकीय सम्‍मान के साथ अंतिम संस्‍कार

शहीद जयप्रकाश उरांव के पिता को इस बात का गर्व भी है कि उनके पुत्र ने देश की रक्षा में अपनी जान की कुर्बानी दी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 17 Nov 2017 10:56 AM (IST)Updated: Fri, 17 Nov 2017 04:12 PM (IST)
शहीद जयप्रकाश उरांव का राजकीय सम्‍मान के साथ अंतिम संस्‍कार

चान्हो (रांची), जेएनएन। शहीद जवान जयप्रकाश का आज रांची के चान्‍हो में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्‍कार हुआ। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान गांव के हर शख्‍स की आंख नम हो गई। इस मौके पर विधायक गंगोत्री कुजूर, पूर्व विधायक बंधु तिर्की, देवकुमार धान सहित अन्य लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। जयप्रकाश बुधवार को मणिपुर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।

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शहीद उरांव के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े लोग।

शहीद के पिता बोले, गर्व है बेटे की शहादत पर

गणेशपुर नवाडीह स्थित घर में शहीद के बुजुर्ग मां-पिता लक्ष्मी उराइन और सुकरा उरांव की आंखें रोकर पथरा गई हैं। जब कोई उनके बेटे के बाबत कुछ पूछता है, तो वे बिलखने लगते हैं। अब भी यकीन नहीं हो रहा कि उनका जवान बेटा अब नहीं रहा। लेकिन, दुख के साथ पिता को इस बात का गर्व भी है कि उनके पुत्र ने देश की रक्षा में अपनी जान की कुर्बानी दी है।

पत्‍‌नी का रोकर हाल बेहाल है तो दो छोटी बच्चियों के चेहरे मुरझा गए हैं। दुख का आलम यह कि बुधवार को कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले। शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार की शाम रांची एयरपोर्ट पहुंचा। यहां राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, राज्य के मंत्रियों और वरिष्ठजनों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। वहीं, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए परिजनों को दस लाख दिए जाने की घोषणा की है।

20 नवंबर को थे आने वाले:

शहीद की पत्नी एमा संगीता लकड़ा की हालत बुधवार की रात से ही खराब है। अपनी चार साल की बेटी सृष्टि व दो साल की स्मृति को गोद में लिए संगीता बार-बार यही बात दोहरा रही है कि उन्होंने 20 नवंबर को घर आने व 6 दिसंबर को छोटी बेटी स्मृति का जन्मदिन धूमधाम से मनाने की बात कही थी। तबसे वह एक-एक दिन गिन कर 20 नवंबर का इंतजार कर रही थी, लेकिन 15 नवंबर की शाम को यह खबर आ गई कि वे शहीद हो गए हैं।

बेटी ने कहा था, क्रीम लेकर आना पापा:

संगीता ने बताया कि सोमवार की शाम को उन्होंने बड़ी बेटी सृष्टि से बात की थी। तब सृष्टि ने कहा था पापा हम जो क्रीम लगा रहे हैं वह खत्म हो गई है। आप ला दीजिए न। तब उन्होंने कहा था कि हम जल्द ही आ रहे हैं, तब तुम्हारे लिए ढेर सारी क्रीम खरीद देंगे। इससे पूर्व जयप्रकाश सरहुल पर एक माह की छुट्टी लेकर रांची आए थे।

15 दिन पहले ही मणिपुर में हुई थी पोस्टिंग:

जयप्रकाश उरांव 2005 में सेना में भर्ती हुए थे। असम राइफल में ज्वाइनिंग के बाद से वे त्रिपुरा मे तैनात थे। पंद्रह दिन पहले ही उनकी पोस्टिंग मणिपुर में हुई थी। सात भाई बहनों में दूसरे नंबर पर थे जयप्रकाश उरांव। उनके तीन भाई विश्वनाथ उरांव, बंसत उरांव व रंजीत उरांव गांव में ही खेती-बारी करते हैं। तीन बहनें सुमरी उराईन, कोईली उराइन व सोनामनि उराईन की शादी हो चुकी है।

जयप्रकाश की वीरता को सलाम: मुख्यमंत्री

राज्य ब्यूरो, रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड के लाल चान्हो के गणेशपुर नावाडीह निवासी सेना के जवान शहीद जय प्रकाश उरांव के परिजनों को दस लाख रुपये सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद जय प्रकाश उरांव ने वीरता का परिचय दिया है, इस लाल ने मणिपुर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान की परवाह किए बगैर राष्ट्रहित को सर्वोपरि समझा और उग्रवादियों के साथ लड़ते हुए अपना बलिदान दिया। उन्होंने जय प्रकाश उरांव की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार समेत राज्य की सवा तीन करोड़ जनता उनके परिजनों के साथ है।

शहीद को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने दी सलामी

शहीद जयप्रकाश उरांव का पार्थिव शरीर गुरुवार को शाम चार बजे रांची एयरपोर्ट लाया गया। वहां राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उनके पार्थिव शरीर को सलामी दी। एक मिनट का मौन व्रत रखकर श्रद्धांजलि दी। एयरपोर्ट पर राज्य सरकार के मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, विधायक गंगोत्री कुजूर, पूर्व मुख्यमंत्री बंधु तिर्की और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होने कहा कि शोक की इस घड़ी में हम सभी शहीदों के परिवार के साथ हैं। मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस घटना को राज्य व देश की सबसे बड़ी क्षति बताया। उन्होनें कहा कि इस दुख की घड़ी में सरकार पीड़ित परिवार के साथ है।

सरकार ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये देने की घोषणा की है। विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि देश शहीद के परिवार के साथ है। उनकी कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। सरकार पीड़ित परिवार की हर संभव मदद के लिए तैयार है। एयरपोर्ट पर गृह सचिव एसकेजी रहाटे, रांची के डीसी मनोज कुमार, बिग्रेडियर के सामा शंकर, कर्नल विक्रम, बिग्रेडियर बीजे पाठक, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सिटी एसपी अमन कुमार समेत सेना के कई अधिकारी व जवान एयरपोर्ट पर मौजूद रहे।

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