आयुर्वेद से गंभीर बीमारियों का इलाज संभव, पैरालिसिस-डायबिटीज व जोड़ों के दर्द में तुरंत मिलती है राहत
आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. एसके चौधरी ने कहा कि आयुर्वेद रोग के कारण को समझकर बीमारी को जड़ से खत्म करने में सक्षम होता है। आयुर्वेद चिकित्सा सिर्फ बीमारियों को ठीक ही नहीं करती बल्कि यह मनुष्य को जीवन जीने की कला भी सिखाती है।
रांची, जासं। केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को इलाज में काफी सहूलियत प्रदान की है। अब कई बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों को छूट दी गई है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद भी जताई गई है। इधर, लोग अब भी इसे खतरनाक पद्धति मानते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ऋषि-मुनियों के समय से चलती आ रही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ने कई बड़ी-बड़ी बीमारियों का अच्छी तरह से उपचार किया है।
ऐसी कई गंभीर बीमारियां हैं, जिनका उपचार अब भी सिर्फ आयुर्वेदिक दवाइयों से ही संभव है। आयुर्वेद चिकित्सा सिर्फ बीमारियों को ठीक ही नहीं करती, बल्कि यह मनुष्य को जीवन जीने की कला भी सिखाती है। यह बातें आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. एसके चौधरी ने कही। उन्होंने कहा कि एलोपैथी चिकित्सा से बीमारियों में तुरंत आराम तो मिलता है, लेकिन यह निश्चित नहीं होता कि बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाएगी।
लेकिन अगर बात आयुर्वेद चिकित्सा की है, तो यह निश्चित होता है कि यह रोग के कारण को समझकर उस बीमारी को जड़ से खत्म करने में सक्षम होता है। फिर वह बीमारी दोबारा नहीं होती है। इसमें पैरालिसिस रोग, डायबिटीज, पीलिया, अर्थराइटिस (जोड़ों का दर्द), बुखार, त्वचा संबंधित रोग आदि शामिल हैं, जो इस विधि से इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो सकती है।
पैरालिसिस रोग : आयुर्वेद में पैरालिसिस का अच्छा इलाज है। आयुर्वेद की कई दिव्य औषधियों एवं पंचकर्म चिकित्सा से इस रोग को ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद के कुछ खास तेलों की मदद से चिकित्सक की सलाह लेकर औषधियों का सेवन किया जाए, तो पैरालिसिस से छुटकारा पाया जा सकता है। अश्वगंधा, मुलेठी, कालीमिर्च, गिलोय और सोंठ को बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें और सुबह-शाम शहद के साथ इसका सेवन करें।
डायबिटीज की समस्या : जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी हो गई हो और काफी उपचार के बाद भी लाभ न हो रहा हो तो पीडि़त व्यक्ति को एक रत्ती फिटकरी और तीन ग्राम कबाबचीनी को गर्मपानी में मिलाकर पीना चाहिए। शिलाधिस का सेवन सुबह-शाम दूध में आधा-आधा ग्राम घोलकर किया जाए, तो आराम मिलता है। इन सभी का नियमित सेवन करने से डायबिटीज से छुटकारा मिलता है।
पीलिया रोग : लीवर में सूजन से यह रोग होता है। यह एक ऐसा रोग है, जो शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाने से होता है। इसमें रोगी को पीला पेशाब आता है। उसके नाखून, त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ने लगता है। रोगी बेहद कमजोरी महसूस करता है। अगर शुरुआत में ही आयुर्वेदिक उपचार किया जाए, तो इस रोग से 15 दिनों में ही आराम पाया जा सकता है।
जोड़ों का दर्द : जोड़ों के दर्द के लिए आयुर्वेद काफी लाभकारी चिकित्सा पद्धति है। जोड़ों का दर्द होने पर इसके दर्द-सूजन को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के औषधीय तेलों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद की पंचकर्म चिकित्सा में भाप देना, औषधियों की बनी पोटली से तेल का उपयोग करते हुए अभ्यंग करना, सिकाई करना आदि से रोगी को पूरा लाभ मिलता है।
त्वचा रोग : त्वचा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या, जैसे फोड़े-फुंसी, मुहांसे की समस्या, त्वचा में खुजली की समस्या हो रही हो, तो ऐसे में प्याज का रस लगाने से इन परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसके लिए गंधक रसायन वटी, पांच पित्त गुग्गुलु गढ़ी, महामंजिष्ठादि काढ़ा, हल्दी, नीम के पत्तों का सेवन अत्यंत लाभकारी है।