युवाओं को प्रशिक्षण दे रोजगार का जनक बनाने की है जरूरत
लॉकडाउन से निश्चित रूप से लोगों की आर्थिक हालत कमजोर हुई है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, रांची : लॉकडाउन से निश्चित रूप से लोगों की आर्थिक हालत कमजोर हुई है। मगर हर समस्या किसी न किसी हल के साथ आती है। ये वक्त है कि हम अपनी दम पर कुछ करें। आज मजदूरी करने वाले युवाओं को भी आत्मनिर्भर होकर काम करने की जरूरत है। लॉकडाउन में हजारों मजूदर पैदल दिन रात का सफर करके अपने घर पहुंचे। अब जरूरत है कि उन्हें अपने घर में ही काम दिया जाये। दैनिक जागरण ने इसमें लोगों को राह दिखाने में मदद किया। ये बातें खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने दैनिक जागरण के अभियान आत्मनिर्भर झारखंड की सराहना करते हुए कही। विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि खिजरी विधानसभा के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे बेहतर है उन्हें एग्रो इंडस्ट्री से जोड़ना। हम तब तक आत्मनिर्भर नहीं हो सकते हैं जब तक खेती को उद्योग के रुप में विकसित न करें। ये एक ऐसा सेक्टर है जिससे जुड़े सारे संसाधन हमारे पास उपलब्ध हैं। उत्पाद के उपजाने से काम चलने वाला नहीं है। इसके साथ हमें उत्पाद की प्रोसेसिग और बाजार को विकसित करने की जरूरत है। हमारे इलाके में टमाटर की उपज काफी बेहतर होती है। अगर प्रोसेसिग प्लांट हो तो हमारे किसानों को टमाटर का अच्छा भाव मिलेगा और रोजगार के बड़े द्वार भी खुलेंगे। घर पर मिले रोजगार इसके लिए काम करे सरकार::
प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन में हजारों किमी का सफर पैदल चलकर आना पड़ा। उसके साथ में कोरोना जैसे संक्रमण बीमारी की चपेट में आने का खतरा अलग से रहा। हमारी कोशिश है कि उनके कौशल का विकास करके उन्हें घर के आसपास ही रोजगार दिया जाये। घर में अगर थोड़े कम पैसे भी मिले तो कोई भी व्यक्ति दूसरे राज्य में जाकर काम करने नहीं जायेगा। हमारी कोशिश है कि हम अपने विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा उद्योग को बढ़ावा दें। अगर एक व्यक्ति कुटीर उद्योग लगाया है तो उससे कम से कम 10 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में रोजगार मिलता है। हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए ज्यादा से ज्यादा एमएसएमई उद्योग को बढ़ाना पड़ेगा। स्कूली स्तर से लेकर तकनीकी शिक्षा तक में हो सुधार::
राजेश कच्छप ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने की पहली सीढ़ी शिक्षा के प्रसार से शुरू होती है। हमें स्कूली शिक्षा से लेकर तकनीकी शिक्षा में सुधार करने की जरूरत है। इसके साथ ही अगर स्कूल में पांच कक्षा हैं तो छह शिक्षक जरूर होने चाहिए। हमारे यहां उद्योग और कंपनी होगी तो जो बच्चे पढ़कर निकलेंगे उन्हें नौकरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ही छात्रों को नौकरी के बजाये स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। उच्च शिक्षा के एक सेमेस्टर में स्वरोजगार की पढ़ाई कराने से छात्र खुद रोजगार के सृजक बनेंगे। बिहार सरकार के पास फंसी जमीन झारखंड को मिले
राजेश कच्छप ने कहा खिजरी विधानसभा में एक बड़ा भू भाग जिसका आज भी हस्तांतरण झारखंड सरकार को नहीं किया जा सका है। अगर ये जमीन हमें मिल जाये तो किसी उद्योग या कॉलेज की स्थापना के लिए दी जा सकती है। मैं विधानसभा में इसके हस्तांतरण के लिए सदन का ध्यान दिलाऊंगा। ये हमारे विधानसभा के लिए काफी महत्वपुर्ण है। इसके साथ ही मैंने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से पत्र लिखकर सिंचाई के लिए जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए आग्रह किया। मनरेगा से जरिये चेक डैम, डोभा आदि का जो निर्माण किया जा रहा है। उसके भविष्य में परिणाम मिलेंगे। मगर इसके साथ ही हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि केवल बोरिग न हो । इससे जल स्तर में कमी आयेगी। बोरिग के साथ कुंआ और तालाब का निर्माण करना भी जरूरी है।