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सरकारी सिस्टम से सड़ गया 27 क्विंटल अनाज, गरीबों के निवाले के लिए किसी ने नहीं उठाई आवाज

Jharkhand. चावल को कार्डधारियों के बीच वितरण के लिए एसडीएम को कई बार आवेदन दिया गया लेकिन बंटवाने के लिए कोई पहल नहीं की गई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 03:43 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 03:43 PM (IST)
सरकारी सिस्टम से सड़ गया 27 क्विंटल अनाज, गरीबों के निवाले के लिए किसी ने नहीं उठाई आवाज

बिरनी (गिरिडीह), जेएनएन। झारखंड के गिरिडीह में गरीबों का निवाला बर्बाद हो गया, पर किसी ने ध्‍यान नहीं दिया। बाराडीह की पंचायत समिति सदस्य व झरखी निवासी नसीमा खातून के घर पर चार साल से रखा गरीबों का 27 क्विंटल अनाज सड़ गया, पर इसकी सुध किसी अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने नहीं ली। जब भूख से किसी की मौत हो जाती है तो इस पर तमाम दल के लोग राजनीतिक रोटी सेकना शुरू कर देते हैं, लेकिन चावल सड़ जाने के मामले में किसी दल ने कोई आवाज नहीं उठाई है।

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यह है मामला

सरिया के तत्कालीन एसडीएम पवन कुमार मंडल ने गुप्त सूचना पर 30 दिसंबर 2016 को बाराडीह के पंचायत समिति सदस्य के घर पर जाकर देखा कि लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह जनवितरक की ओर से कार्डधारियों के राशन व किरासन तेल को कालाबाजारी की नीयत से वहां रखा जा रहा है। उन्होंने 17 क्विंटल चावल व किरासन तेल इसमें पकड़ा था।

आपूर्ति पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने एसडीएम के निर्देश पर बिरनी थाना में संस्था के अध्यक्ष, सचिव समेत पंसस के पति अबुल अंसारी पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। तब से चावल पंचायत समिति के घर पर ही रखा हुआ था, जो सड़ गया व कुछ चूहे चट कर गए। किसी अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली।

अनाज बांटने के लिए एसडीएम को दिया था आवेदन

कालाबाजारी की आरोपित समूह की अध्यक्ष कौशल्या देवी, सचिव सैरा खातून व पंचायत समिति सदस्य के पति अबुल अंसारी ने बताया कि एसडीएम ने किसी खास राजनीतिक दल के दबाव में आकर अनाज को पकड़ा है। यहां से राशन की कालाबाजारी नहीं होती है, बल्कि उसका वितरण कार्डधारियों के बीच किया जाता था।

एसडीएम ने कार्डधारियों से भी पूछताछ की पर इसमें उन्होंने किसी की एक नहीं सुनी और मुकदमा दर्ज करा दिया। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को दुकान का स्थानांतरण करने के लिए वे लोग आवेदन दे चुके थे जिस कारण पंचायत समिति सदस्य के घर में अनाज रखा गया था। जिस जगह पूर्व में दुकान संचालित थी, वह जगह छोटी पड़ गई थी। पंचायत समिति सदस्य के घर पर राशन व किरासन रखा गया था।

सूचना पर छापेमारी कर अनाज लोगों के बीच बांटते हुए पकड़ा गया था और वितरण नहीं होने दिया था। चावल को कार्डधारियों के बीच वितरण करने के लिए एसडीएम को वे कई बार आवेदन दे चुके हैैं, लेकिन बंटवाने के लिए किसी तरह की कोई पहल नहीं की गई। आखिरकार यह अनाज सड़ गया। कहा कि मुकदमा न्यायालय में फाइनल हो गया है पर चावल बिल्कुल सड़ चुका है।

क्या कहते ग्रामीण

मुखिया स्मिता देवी, ग्रामीण बैजनाथ, सहदेव यादव, इजराइल अंसारी आदि ने बताया कि पंसस के घर से राशन बांटते हुए एसडीएम ने छापामारी कर पकड़ा और वितरण करने पर रोक लगा दी थी। साथ ही जन वितरक पर मुकदमा भी कर दिया था। उस समय मुखिया समेत तमाम ग्रामीणों ने अनाज वितरित करने की मांग की थी पर किसी पदाधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

'मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। जांच कर डीसी, डीएसओ व एसडीओ को लिखा जाएगा। उनके निर्देश पर आगे कोई कार्रवाई की जाएगी।' -संदीप मधेशिया, बीडीओ, बिरनी, गिरिडीह।


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