अविवेकी समाज असभ्य हो जाता है : सोनल मानसिंह
जागरण संवाददाता, रांची : प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा कि अविवेकी समाज असभ्य हो जाता ह
जागरण संवाददाता, रांची : प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा कि अविवेकी समाज असभ्य हो जाता है। विवेकशील लोग ही समाज को आगे ले जाते हैं। समाज के पास यदि अपना विवेक नहीं होगा तो उसकी स्थिति की कल्पना कर सकते हैं। हमें अपने समाज की ओर देखना चाहिए। अपनी लोक संस्कृति की ओर देखना चाहिए और उसे सम्मान देना चाहिए। अमेरिका में वहां के लोग अपनी लोक संस्कृति को बहुत प्यार करते हैं। वे अपनी इस थाती को बचाने के लिए जागरूक हैं। वहां यदि लोक संस्कृति का कोई कार्यक्रम होता है तो महीनों पहले टिकट बिक जाते हैं। वहां के लोग अपनी संस्कृति से बेहद प्यार करते हैं, लेकिन अपने देश में ठीक उल्टा है।
उन्होंने कहा कि जो लोक का है, जनता का है, गांव का है, उसके प्रति हमारा नजरिया उदासीनता का रहता है। जैसे ये चीजें हमारे लिए तुच्छ हों। हमारे अंदर ये बातें गर्व नहीं जगातीं। हम अपने लोकनृत्यों के प्रति भी सजग नहीं हैं। झारखंड में छऊ से लेकर हर जनजाति के पास उसका अपना बोध और लोकनृत्य है, लेकिन हम इस पर गर्व नहीं करते। उन्होंने कहा कि जो भारतीय विदेशों में बस गए हैं, जब वहां राष्ट्रगान शुरू होता है लोग सम्मान में खड़े ही नहीं होते बल्कि दायां हाथ वे अपने हृदय स्थल पर रख देते हैं और अपने देश में लोग इस पर बहस कर रहे हैं कि हमें राष्ट्रगान के दौरान खड़ा होना चाहिए या नहीं। यह सब इसलिए कि हमारे अंदर भारत का बोध नहीं है। हम अपने देश को समझ नहीं पा रहे हैं। इस दृष्टि को बदलने की जरूरत है।