Triple Murder in Ranchi: टीवी की तेज आवाज में दब गई चीखें, नहीं लगी किसी को भनक
Jharkhand. रांची के बडग़ाईं में एक पुलिसवाले ने बेटी के प्रेम-प्रसंग से परेशान होकर उसे मार डाला। साथ ही अपनी पत्नी और बेटे की भी हत्या कर दी।
खास बातें
- तिहरे हत्याकांड से बडग़ाईं में दिनभर रही सनसनी, अपराह्न तीन बजे उठाए गए शव
- फॉरेंसिक विशेषज्ञों की लंबी छानबीन के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए शव
- मौके पर तीन डीएसपी पहुंचे, सदर थानेदार व उनकी टीम ने की छानबीन
- सीआइडी व विशेष शाखा के अधिकारियों ने भी की घटना की पड़ताल
रांची, राज्य ब्यूरो। सदर थाना क्षेत्र के बडग़ाईं निवासी बलदेव साहू के मकान में शुक्रवार की रात तीन-तीन हत्याएं हो गईं, लेकिन मकान मालिक से लेकर आस-पड़ोस तक किसी को भनक तक नहीं लगी। मकान मालिक बलदेव साहू व मालकिन अनिता देवी के अनुसार ब्रजेश तेज साउंड में टीवी देखता था। शुक्रवार की रात भी तेज साउंड में टीवी चल रहा था। इसी बीच तीन हत्याएं हो गईं।
यूं कहें तो तेज साउंड के बीच मृतकों की चीखें दब गई और यही कारण है कि पड़ोसियों को इसकी भनक भी नहीं लगी। तिहरे हत्याकांड की सूचना शनिवार की सुबह होते ही पूरे मुहल्ले में फैल गई। पत्नी, बेटी व बेटे की हत्या से शनिवार को दिनभर सनसनी रही। मौके पर डीएसपी सदर दीपक पांडेय, डीएसपी सिटी अमित कुमार व डीएसपी विशेष शाखा मनीष टोप्पो भी पहुंचे।
सदर थानेदार बेंकटेश कुमार व उनकी टीम के अलावा सीआइडी के इंस्पेक्टर रविकांत व विशेष शाखा के भी कई पदाधिकारी पहुंचे। दिन के करीब 11 बजे फॉरेंसिक विशेषज्ञ पहुंचे, जिसके बाद कमरा खुला और छानबीन शुरू हुई। दोपहर करीब तीन बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया। पुलिस ने घटनास्थल से फोरेंसिक साक्ष्य, हथौड़ा, चाकू, कपड़ा आदि जब्त किया है।
राज नाम के युवक से खुशबू की दोस्ती की चर्चा
पुलिस की छानबीन व मोहल्ले के कुछ लोगों की मानें तो ब्रजेश की पुत्री खुशबू की दोस्ती राज नाम के दूसरे समुदाय के युवक से थी। राज का दूसरा नाम बशीर खान भी बताया जा रहा है। घर में कलह के पीछे भी बेटी की यह दोस्ती बताई जा रही है। बेटी अपनी दोस्ती पर अड़ी हुई थी, जिसे पूरी घटना का कारण बताया जा रहा है। सदर पुलिस इस बिंदु पर भी छानबीन कर रही है।
मालकिन ने कहा, दोनों बच्चों को बहुत प्यार करता था ब्रजेश
मकान मालकिन अनिता देवी ने बताया कि ब्रजेश अपने दोनों बच्चों को बहुत प्यार करते थे। कभी उन्हें डांटते तक नहीं थे। पत्नी अक्सर बच्चों को रांची में छोड़कर अपने मायके जाया करती थीं। ब्रजेश ही बच्चों को स्कूल छोड़कर ड्यूटी चला जाता था।
...नहीं आएंगे सर, शवों का जो करना है कर दीजिए, उसे भगवान सजा देंगे
सदर पुलिस ने जब चालक सिपाही ब्रजेश के भतीजे व सास-ससुर को फोन कर रांची आने के लिए कहा तो सास-ससुर तबीयत खराब रहने व वृद्ध होने के चलते नहीं आ सके। भतीजे ने कहा- रांची नहीं आएंगे सर, शवों का जो करना है कर दीजिए। ब्रजेश को भगवान सजा देंगे। पोस्टमार्टम के बाद ब्रजेश के बहनोई उमेश तिवार तीनों शवों को लेकर पैतृक आवास पलामू गए।