बच्चों के प्रदर्शन के आधार पर स्कूलों को मिलेगा स्वर्ण, रजत और कांस्य अवार्ड
Jharkhand. बच्चों के लर्निंग आउटकम के आधार पर स्कूलों का सर्टिफिकेशन होगा। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले स्कूलों को स्वर्ण रजत और कांस्य अवार्ड दिया जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। बच्चों के लर्निंग आउटकम (शिक्षण क्षमता) के आधार पर स्कूलों का सर्टिफिकेशन होगा। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले स्कूलों को निर्धारित मानक के आधार पर स्वर्ण, रजत और कांस्य अवार्ड (प्रमाणपत्र) दिया जाएगा। अवार्ड प्राप्त करनेवाले स्कूलों को जहां पुरस्कृत किया जाएगा, वहीं उन्हें एक निश्चित प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। रजत तथा स्वर्ण हासिल करनेवाले स्कूलों के शिक्षकों व बच्चों को देश के उत्कृष्ट और बड़े संस्थानों में टूर पर भी ले जाया जाएगा।
स्वर्ण हासिल करने वाले स्कूलों के शिक्षकों को मनचाहा पदस्थापन भी होगा। ज्ञानसेतु कार्यक्रम के आधार पर स्कूलों के सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक उमाशंकर सिंह ने सोमवार को मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि स्कूलों के प्रभारी शिक्षक सबसे पहले स्वयं इसके लिए ऑनलाइन दावा करेंगे। इसके बाद बीआरपी और सीआरपी स्कूल जाकर बच्चों के लर्निंग आउटकम की जांच करेंगे। इनके द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद थर्ड पार्टी के रूप में अधिकृत सेंटर आफ साइंस एंड स्टूडेंट लर्निंग (सीएसएसएल) द्वारा बच्चों के लर्निंग आउटकम की जांच की जाएगी।
इसके बाद स्कूलों को अवार्ड के लिए चयन किया जाएगा। स्कूल सबसे पहले कांस्य, इसके बाद रजत फिर स्वर्ण के लिए ऑनलाइन दावा ई-विद्यावाहिनी के पोर्टल पर करेंगे। यदि बीआरपी-सीआरपी या एजेंसी द्वारा स्कूलों के दावे को रद किया जाता है तो प्रभारी शिक्षक अपील भी कर सकते हैं। निदेशक के अनुसार, दावे रद होने पर किसी शिक्षक पर कार्रवाई नहीं होगी। दरअसल, ज्ञानसेतु कार्यक्रम के तहत बच्चों का लर्निंग आउटकम बढ़ाया जा रहा है। दावा है कि चार-पांच माह में ही 15-16 फीसद शिक्षण क्षमता बढ़ गई है।
पदाधिकारियों का लक्ष्य तय
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह के निर्देश पर स्कूलों के सर्टिफिकेशन कराने के लिए लक्ष्य तय कर दिया गया है। प्रत्येक जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, बीईईओ तथा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी कांस्य के लिए 50-50, रजत के लिए दस-दस तथा स्वर्ण के लए पांच-पांच स्कूलों का सर्टिफिकेशन कराएंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं करनेवाले पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
प्रखंड और जिलों को भी मौका
75 फीसद स्कूलों के सर्टिफिकेशन करानेवाले प्रखंडों तथा जिलों के तमाम पदाधिकारियों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
यह होगा मानक
कांस्य के लिए
कक्षा दो के 75 फीसद छात्र अक्षर पहचानते हों। कक्षा तीन से पांच के 90 फीसद बच्चे कक्षा एक तथा कक्षा छह से नौ के 90 फीसद बच्चे कक्षा दो की दक्षता रखते हों।
सिल्वर के लिए
कक्षा एक से दो के 90 फीसद बच्चे अक्षर पहचानते हों। कक्षा तीन से पांच के 75 फीसद बच्चे कक्षा दो तथा कक्षा छह से नौ के 75 फीसद बच्चे कक्षा पांच की दक्षता रखते हों।
स्वर्ण के लिए
स्कूल सिल्वर के लिए सभी मानक पूरा करते हों तथा सभी कक्षाओं में 75 फीसद बच्चे अपने ग्रेड के स्तर में दक्षता रखते हों।
16 जिलों में शुरू नहीं
सर्टिफिकेशन शुरू होने के बाद अभी तक रांची समेत 16 जिलों के एक भी स्कूल ने इसके लिए ऑनलाइन दावा नहीं किया है। निदेशक के अनुसार,, गर्मी की छुट्टी के कारण ऐसा हुआ। अब इसमें तेजी आएगी। पूर्वी सिंहभूम से 14, पाकुड़ व पश्चिमी सिंहभूम से 16-16, लोहरदगा से पांच, गुमला व जामताड़ा से दो-दो तथा बोकारो, देवघर व साहिबगंज से एक-एक स्कूलों ने आवेदन किया है।
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