Jharkhand: स्कूलों ने गलत अपलोड किया आंकड़ा, समीक्षा में गड़बड़ी सामने आने पर शिक्षा पदाधिकारियों को मिला यह निर्देश
Jharkhand Education News यूडायस प्लस में स्कूलों के गलत आंकड़े भरे गए हैं। इससे सुविधाओं में गिरावट आई है। जिन स्कूलों में पिछले वर्ष सुविधाएं उपलब्ध थी इस बार नहीं दिख रहीं है। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को एक सप्ताह में सुधार के निर्देश दिए गए हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फाॅर्मेशन सिस्टम फाॅर एजुकेशन (यूडायस प्लस)-2020-21 में राज्य के कई स्कूलों के आंकड़े गलत अपलोड कर दिए गए हैं। राज्य स्तर पर इसकी समीक्षा में यह बात सामने आई है। जिन स्कूलों में पिछले वर्ष बिजली की सुविधा उपलब्ध थी, वहां इस वर्ष बिजली नहीं होने की बात कही है। अन्य सुविधाओं में भी इस तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। कई स्कूलों में छात्रों के नामांकन तथा शिक्षकों की उपलब्धता के आंकड़े भी गलत अपलोड किए गए हैं।
समीक्षा में यह बात सामने आने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर आंकड़ों को दुरुस्त करने तथा त्रुटियों में सुधार के सख्त निर्देश दिए हैं। यह भी बात सामने आई है कि 45,461 स्कूलों में 221 स्कूलों ने अभी तक आंकड़ा अपलोड ही नहीं किया गया है। वहीं, 217 स्कूलों में यह प्रक्रिया अभी चल ही रही है, जबकि सभी स्कूलों में 15 जून तक ही इस कार्य को पूरा करने का आदेश दिया गया था। स्कूलों द्वारा जो आंकड़े अपलोड किए गए हैं, उसके अनुसार 1,471 स्कूलों में कक्षा कमरों की संख्या में गिरावट है जिनमें कुल 4136 कमरे कम हुए हैं।
880 स्कूलों में बालकों का शौचालय उपलब्ध नहीं है, जबकि पिछले वर्ष इनमें 285 स्कूलों में यह सुविधा उपलब्ध थी। इसी तरह 535 स्कूलों में बालिकाओं के शौचालय में कमी आई है, जबकि इनमें 181 में यह सुविधा उपलब्ध थी। पोर्टल पर 1,050 स्कूलों में पीने का पानी की सुविधा नहीं होने की बात कही गई है, जबकि इन स्कूलों में 434 में पिछले साल यह सुविधा उपलब्ध थी। इस साल जो आंकड़े अपलोड किए गए हैं, उसके तहत 2,859 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है, जबकि इनमें से 319 स्कूलों में पिछले वर्ष यह सुविधा उपलब्ध थी।
आंकड़े सही तो 2.25 लाख कम हुआ नामांकन
यदि स्कूलों द्वारा भरे गए आंकड़े सही हैं तो वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में राज्य के 3,102 स्कूलों में 50 या इससे अधिक नामांकन में गिरावट आई है। वर्ष 2020-21 में 2.25 लाख नामांकन कम हुआ है। रांची में सबसे अधिक छह प्रतिशत कम नामांकन हुआ है। यहां 48,955 बच्चों का कम नामांकन हुआ। अबतक के आंकड़ों के अनुसार, 421 स्कूलों में नामांकन शून्य दिखाया गया है। वहीं, 127 स्कूलों में शिक्षकों की संख्या शून्य है। 113 स्कूलों में दोनों शून्य हैं।
केंद्र सरकार हर साल जारी करती है आंकड़े
स्कूलों द्वारा पोर्टल पर आंकड़े उपलब्ध कराने के आधार पर ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय प्रत्येक वर्ष यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फाॅर्मेशन सिस्टम फाॅर एजुकेशन प्लस के आंकड़े जारी करती है। यूडायस प्लस-2019-20 के आंकड़े पिछले दिनों ही केंद्र ने जारी किए हैं।