दूसरे राज्यों में पढ़ रहे छात्रों को अब मिलेगा वजीफा
कैबिनेट ने पिछले दिनों फैसला लिया था कि जो बच्चे झारखंड में सुविधा होने के बावजूद दूसरे राज्यों में पढ़ाई करते हैं उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।
आशीष झा, रांची : झारखंड में कोर्स विशेष की पढ़ाई की सुविधा होने के बावजूद दूसरे राज्यों में पढ़ाई कर रहे एससी, एसटी एवं ओबीसी छात्रों का वजीफा नहीं रुकेगा। कैबिनेट ने पिछले दिनों फैसला लिया था कि जो बच्चे झारखंड में सुविधा होने के बावजूद दूसरे राज्यों में पढ़ाई करते हैं उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। कैबिनेट के इस फैसले में अब बदलाव होने की संभावना दिख रही है। वजीफा बंद होने से कई छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही थी और ऐसे में जनप्रतिनिधियों ने सरकार तक बात पहुंचा दी है।
विभाग इस फैसले में आंशिक संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को भेज दिया है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को तकनीकी व गैर तकनीकी शिक्षा के लिए सरकार से निर्धारित दरों पर छात्रवृत्ति प्राप्त होती है। हाल के दिनों में यह जानकारी सरकार तक पहुंची कि बाहर पढ़ने के लिए जानेवाले छात्रों के कारण राज्य की ऐसी संस्थाओं में छात्र कम ही आते हैं। ऐसे में राज्य की संस्थानों को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने सी एवं डी वर्ग के कोर्सो की पढ़ाई के लिए बाहरी संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं देने का निर्णय लिया था। पॉलीटेक्निक, आइटीआइ से लेकर सामान्य स्नातक कोर्स इसी कैटेगरी में आते हैं। छात्रवृत्ति बंद होने के बाद इस वर्ग के छात्रों को पढ़ाई पूर्ण करने में दिक्कत होने लगी। खासकर उन छात्रों को जिन्हें एक-दो वर्ष तक छात्रवृत्ति मिली थी।
शिकायतें राज्य मुख्यालय तक पहुंचीं तो सरकार ने इस निर्णय में संशोधन की तैयारी की है। इस तैयारी के आलोक में कैबिनेट में शीघ्र प्रस्ताव आ सकता है कि जिन लोगों की पढ़ाई अभी मध्य में है उन्हें छात्रवृत्ति से वंचित नहीं किया जाए। सूत्रों ने बताया कि अगले कैबिनेट में ही इससे संबंधित प्रस्ताव विचार के लिए आएगा। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद बच्चों की पढ़ाई बीच में रुकने का खतरा टल जाएगा। बताते हैं कि ऐसे छात्रों की संख्या हजारों में है। प्रोन्नति पर लगी रोक हटेगी : हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की प्रोन्नति पर लगी रोक को भी हटाने की तैयारी है। कार्मिक विभाग के सूत्रों ने बताया कि विधि विभाग से परामर्श मिलने के बाद इस बाद मामले को कैबिनेट से पास कराने की तैयारी है। सरकारी अधिकारी सरकार के निर्णय का लगातार विरोध कर रहे हैं।