Sawan 2022: 14 जुलाई से शुरू होगा सावन... चार सोमवारी का लीजिए आनंद... अबकी बना बेहद शुभ संयोग
Sawan 2022 आषाढ़ का महीना चल रहा है। इसके बाद सावन का महीना शुरू होगा। भगवान शिव का महीना। इसबार शिव भक्त चार सोमवारी का आनंद उठा सकते हैं। शुभ संयोग भी बन रहा है। आइए जानते हैं सावन के बारे में विस्तार से।
रांची, डिजिटल डेस्क। Sawan 2022 Start Date हिन्दू धर्म के कैलेंडर के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है। इस बार आषाढ़ का महीना 13 जुलाई तक रहेगा। इसके बाद भगवान शिव की पूजा का महीना सावन शुरू होगा। आषाढ़ महीना के स्वामी भगवान विष्णु होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस महीने व्रत और उपवास करने से बीमारियां दूर होती हैं। आषाढ़ हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का चौथा महीना होता है। इसके बाद यानी पांचवां महीना सावन शुरू होता है। इस बार सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होगा। यह 12 अगस्त तक रहेगा।
आषाढ़ का गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को
अभी आषाढ़ महीने में नौ दिवसीय गुप्त नवरात्र, श्री हरि विष्णु के योग निद्रा पर जाने का व्रत देव शयनी एकादशी और गुरु पूजन का पर्व गुरु पूर्णिमा आएंगे। इसके साथ ही भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकाली जाएगी। रथ यात्रा का आयोजन 1 जुलाई को होगा। ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ के महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी करने से 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है। इस महीने गुप्त नवरात्र 30 जून से शुरू होगा। 1 जुलाई को रथयात्रा है। 3 जुलाई को विनायक चतुर्दशी है। 10 जुलाई को देव शयनी एकादशी है। 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है।
हर दिन करें भगवान शिव की पूजा
इस बार सावन महीने की विशेषता यह है कि इसमें चार सोमवारी व्रत का मौका भगवान शिव के उपवास को मिलेगा। हिंदू ग्रंथों के मुताबिक, सावन का महीना भगवान शिव का महीना कहा जाता है। भगवान शिव को यह महीना बेहद प्रिय है। इस महीने उनका जलाभिषेक होता है। उनकी पूजा की जाती है। इस पूजा से लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस महीने भगवान शिव की पूजा करने से विवाह संबंधित परेशानी दूर होती है। जानकारों का कहना है कि सावन के महीने में प्रतिदिन सूर्योदय से पहले जाकर स्नान करना चाहिए। इसके पश्चात साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर मंदिरों में जाना चाहिए। भगवान शिव पर दूध चढ़ाकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
पहले ही दिन दो शुभ संयोग बन रहे
इस बार सावन में बेहद शुभ संयाेग बन रहा है। चार सोमवारी के अलावा सावन महीने की शुरुआत के दिन विष्कुंभ और प्रीति योग बन रहे हैं। यह दोनों योग बेहद शुभ और फलदायी माने जाजे हैं। ऐसी मान्यता है कि इस योग में अगर कोई बच्चा पैदा होता है तो वह भागयशाली होता है। वह गुण्वान और संस्कारी होता है। वह जो चाहता है, उसकी पूर्ति होती है। वह जीवन में हर प्रकार के सुख का भाेग करता है।
भगवान की ऐसे करनी चाहिए पूजा
सावन में भगवान शिव की पूजा करने से पहले हमें इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए कि पूजा करने की विधि क्या होनी चाहिए। पहली बात, इस महीने हर दिन सुबह में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव इससे प्रसन्न होते हैं। भक्त की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। रोजाना मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। मंदिर में भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। ध्यान रखें कि घी गाय का ही हो। दूध और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को बेल का पत्ता, फूल, फल और पंचामृत चढ़ाना चाहिए। अंत में भगवान शिव की आरती करना चाहिए।
जनिए, किस तारीख को सावन व्रत
- 18 जुलाई 2022 : सावन का पहला सोमवार
- 25 जुलाई 2022 : सावन का दूसरा सोमवार
- 01 अगस्त 2022 : सावन का तीसरा सोमवार
- 08 अगस्त 2022 : सावन का चौथा सोमवार