Jharkhand: लौह अयस्क के खनन की अनुमति देने वाले पर कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे सरयू राय
Saryu Roy Jharkhand News विधायक सरयू राय ने प्रेस कांफ्रेंस कर शाह ब्रदर्श को करमपदा स्थित पट्टा रद कर खदान से खनन का विरोध किया। कहा कि मुख्यमंत्री को आवेदन दिए हैं। संज्ञान नहीं लेने पर केंद्र सरकार हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाएंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। लौह अयस्क खनन करने वाली कंपनी शाह ब्रदर्श को फिर से रद खनन पट्टा से खनन की अनुमति दिए जाने के खिलाफ विधायक सरयू राय ने मंगलवार को अपने रांची के डोरंडा स्थित आवास में संवाददाता सम्मेलन की। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब बिना किसी सक्षम पदाधिकारी के आदेश के पश्चिमी सिंहभूम जिले के जिला खनन पदाधिकारी ने खनन पट्टा रद हो चुके खदान से लौह अयस्क भंडार को बेचने के लिए चालान दे दिया और वहां के सारंडा वन प्रमंडल के वन पदाधिकारी ने भी इस लौह अयस्क के परिवहन के लिए अपने स्तर से परमिट जारी कर दिया।
उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी की है। विधायक सरयू राय ने संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की है कि अगर शाह ब्रदर्श को खनन की अनुमति रद नहीं हुई और अनुमति देने वाले पदाधिकारियों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई नहीं हुई तो इस पूरे मामले में कार्रवाई के लिए वे वैकल्पिक रास्ता अपनाएंगे। वे इस मामले को लेकर भारत सरकार से लेकर हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे, लेकिन चुप नहीं बैठेंगे। विधायक सरयू राय ने बताया कि चार दिन पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखित आवेदन देकर इस पूरे प्रकरण से अवगत कराया है।
बताया है कि दोनों ही पदाधिकारियों ने जो कृत्य किया है, वह आपराधिक श्रेणी का है और इसके लिए दोनों को निलंबित किया जाना चाहिए और उन पर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी बताया है कि उनके माध्यम से मुख्यमंत्री के संज्ञान में पहले भी इस मामले को लाया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। करमपदा स्थित लौह अयस्क से खनन पट्टा अब तक रद है। राज्य सरकार के खनन विभाग ने अवैध तरीके से खनन के मामले में 42 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माना नहीं देने पर ही खनन पट्टा रद किया गया था।
इसके बावजूद बिना किसी सक्षम पदाधिकारी के निर्देश के दोनों पदाधिकारियों ने अपने स्तर से खनन की अनुमति दे दी है, जो अनुशासनहीनता और दंडनीय है। सरयू राय ने बताया कि सारंडा वन प्रमंडल के वन पदाधिकारी ने जिला खनन पदाधिकारी के जारी किए गए चालान को आधार बनाकर खदान से बिक्री के लिए ले जाने वाले लौह अयस्क के लिए परिवहन परमिट दे दिया है। नियम है कि खनन पट्टा रद हो चुके खदान या उस खदान से, जिसे वन मंजूरी नहीं है या उस खदान से जिस पर सरकार का बकाया है, लौह अयस्क के उठाव के लिए परिवहन परमिट नहीं दिया जा सकता है।
शाह ब्रदर्श ने अदालत को गुमराह करने का भी आरोप
विधायक सरयू राय ने यह आरोप लगाया है कि लौह अयस्क खनन करने वाली कंपनी शाह ब्रदर्श ने अदालत को भी गुमराह किया है। उनके लौह अयस्क खदान के लीज को राज्य सरकार ने रद कर दिया था। इसके बाद शाह ब्रदर्श ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए सरकार के आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच से याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद शाह ब्रदर्श डबल बेंच में गए थे, जहां मामला लंबित है। इसके बाद शाह ब्रदर्स ने माइनिंग ट्रिब्यूनल का भी दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिली। अंत में शाह ब्रदर्स ने फिर से सिंगल बेंच को गुमराह करते हुए खनन के लिए राहत ले ली है। इसके विरुद्ध सरकार को पुख्ता दस्तावेज के साथ अपना पक्ष रखना चाहिए।